फरवरी में कौन सी सब्जी की खेती करके अच्छा मंडी भाव लिया जा सकता है इसके बारे में आपको इस लेख में पूरी जानकारी दी जाएगी-
गर्मियों में हरी सब्जी की डिमांड
गर्मियों में हरी सब्जी की डिमांड बढ़ जाती है। इसलिए फरवरी में लगाई गई सब्जियों की गर्मी में अच्छी कीमत मिलती है .फरवरी का पूरा महीना सब्जियों की खेती के लिए बढ़िया है। लेकिन जिस सब्जी की खेती हम बात कर रहे है, उसकी खेती करने पर अच्छी कीमत मिलेगी। लेकिन इसके लिए किसानों को खेती का सही तरीका, बढ़िया वैरायटी का चुनाव करना होगा, जिसमें आपको इस लेख में हम सब्जी की खेती कब तक करें और बढ़िया वैरायटी कौन सी है, मंडी भाव कितना मिलेगा, इसके बारे में पूरी जानकारी देंगे।
करेला की खेती की बात कर रहे हैं। करेला सेहत के लिए फायदेमंद होता है। इसलिए इसकी अच्छी कीमत भी मिल जाती है। साल भर करेला की डिमांड बनी रहती है। वही जो किसान शहरों की मंडी के आसपास है। उन्हें करेला की अच्छी कीमत भी मिल जाती है। जिसमें इस समय अगर करेला की खेती करते हैं, फरवरी में तो 40 से 45 रुपए तक मंडी भाव मिल जाएगा। जो किसान नवंबर और दिसंबर में करेला की खेती करते उन्हें ₹75 तक मंडी भाव मिल जायेगा।
जिसमें एक एकड़ में अगर करेला की खेती करते हैं तो 2 से 3 लाख रुपए की कमाई की जा सकती हैं। लेकिन उसके लिए किसानों को ध्यान रखना चाहिए कि आपके खेत की मिट्टी जलवायु क्या करेले की खेती के लिए उपयुक्त है।
करेला की किस्में
नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार करेले की कुछ बढ़िया वैरायटी की जानकारी लीजिए-
- सेमिनस की अभिषेक
- क्लाउस की अनुष्का
- सिजेंटा की अस्मिता
- वीएनआर की नंदिता
- वीएनआर की आकाश और 28 नंबर वैरायटी
- ईस्ट वेस्ट कंपनी की प्राची
- पूसा विशेष आदि।

करेला की खेती
- सबसे पहले खेत तैयार करेंगे। जिसमें गहरी जुताई करेंगे। जिससे मिट्टी भुरभुरी हो जाए।
- जुताई करने के बाद चार ट्रॉली गोबर की खाद दे सकते हैं।
- रासायनिक खाद देना चाहते हैं तो फास्फोरस एमओपी, यूरिया दे सकते हैं। मात्रा की बात करें तो 50-60 किलो फास्फोरस, 30 किलो एमओपी और 15 से 20 किलो यूरिया एक एकड़ में दे सकते हैं।
- खाद डालने के बाद रोटावेटर या हैरो से खेत तैयार करें। मिट्टी को समतल बनाकर फिर बुवाई करें।
- 1 एकड़ में करेला की खेती करेंगे तो 600 ग्राम बीजों की जरूरत पड़ेगी।
- 6 फीट की दूरी में बेड और 1 फीट की दूरी में बीजों की बुवाई करें।
- खरपतवार की समस्या को खत्म करने मिट्टी में नमी बनाए रखना। तापमान नियंत्रित करने के लिए प्लास्टिक मल्च का इस्तेमाल करें, 21 माइक्रोन के प्लास्टिक मल्च बेहतर होगी।
- करेला की खेती नवंबर-दिसंबर और फिर जनवरी-फरवरी में भी की जाती है।
- फरवरी में करेला की खेती करने का एक फायदा यह है कि मंडप आदि बनाने की जरूरत नहीं पड़ती।