अगर पशुपालक हैं और हरे चारे की समस्या आ रही है, तो चलिए बताते हैं कि कौन-सा बीज बंजर जमीन में लगाकर पशुओं के लिए बहुत सारा चारा प्राप्त किया जा सकता है।
पशुओं को हरे चारे की जरूरत
पशुपालक जानते है दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए पशुओं को हरे चारे की जरूरत होती है। साल भर पशुपालकों को पशुओं को हरा चारा देना पड़ता है। लेकिन कई मौसम ऐसे आते हैं, जब खेतों में चारे की समस्या हो जाती है। वहीं कुछ चारे ऐसे होते हैं, जो एक बार काटने के बाद दोबारा जल्दी नहीं उगते। लेकिन यहां पर आपको एक ऐसा चारा बताया जा रहा है, जिसे आप एक बार लगा देंगे तो कई सालों तक हरे चारे की कमी नहीं होगी। इससे पशुओं को देने पर दूध भी अधिक मिलेगा।
चारे का नाम और उसकी खासियत
पशुओं के लिए जिस हरे चारे की यहां बात की जा रही है, उसका नाम नेपियर घास (Napier Grass) है। नेपियर एक अफ्रीकी घास है, जिसे खेतों में लगाया जाता है। यह लगभग 12 फीट लंबी हो जाती है, जिससे पशुओं को चारे की कमी नहीं होती। एक बार यह घास लगा देने पर 5 से 6 साल तक इससे चारा मिलता रहेगा। कटाई करने पर यह दोबारा उग जाती है। इसमें प्रोटीन, कैल्शियम और फाइबर भरपूर मात्रा में होता है, जो पशुओं की सेहत के लिए फायदेमंद है। इससे पशु अधिक दूध देंगे और उन्हें समय पर हरा चारा मिलेगा।
इसे लगाने में खर्च और उत्पादन कितना मिलेगा
नेपियर घास को खेतों में लगाना चाहते हैं, तो इसे बड़े आसानी से तैयार कर सकते हैं। सबसे पहले खेत को अच्छी तरह से तैयार करें। फिर स्वस्थ और मजबूत दो से तीन गांठ वाली कटिंग लें और उन्हें 24 घंटे के लिए पानी में भिगोकर रखें। इसके बाद 2 से 3 फीट की दूरी पर कतार में इनकी रोपाई करें। इसके बाद खेत में पानी दें और समय-समय पर सिंचाई करते रहें। यह घास तेजी से तैयार हो जाएगी।
नेपियर घास लगाने में खर्च की बात करें तो एक बीघा में लगभग ₹6000 तक का खर्च आता है। वहीं उत्पादन की बात करें तो हर साल 400 क्विंटल तक चारा प्राप्त किया जा सकता है। इसे किसी भी बंजर जमीन में लगाया जा सकता है। अगर आप पशुपालक हैं, तो इस घास को लगाकर हरे चारे की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं। किसान चाहे तो इसकी खेती करके पशुपालकों को चारा बेच भी सकते हैं।