इस लेख में आपको मिट्टी के सेहत में सुधार करने का शानदार कम खर्चा वाला तरीका बताने जा रहे हैं, जिससे खेती की लागत घटेगी, मगर उत्पादन अधिक होगा-
मिट्टी की जांच
अधिक पैदावार लेने के लिए किसान खाद का इस्तेमाल करते हैं, अगर खाद का खर्चा बहुत ज्यादा बैठ रहा है, फिर भी उत्पादन कम मिल रहा है, तो कमाई भी कम होती होगी, खर्च अधिक होता होगा। ऐसे में किसानों को पता होना चाहिए कि उनके खेत की मिट्टी कैसी है, किन पोषक तत्वों की कमी है, ताकि किसान सिर्फ इस खाद का इस्तेमाल करें, जो मिट्टी में पहले से पोषक तत्व है वह खाद डालें।
इससे खाद का खर्चा कम होगा, आपको बता दे की केंद्र सरकार ‘मृदा हेल्थ कार्ड योजना’ चला रही है। जिससे खेत की मिट्टी की जांच की जाएगी। किसान को पता होगा कि उनके खेत की मिट्टी कैसी है, चलिए इसके बारे में पूरी जानकारी लेते हैं।

मिट्टी की जांच में क्या-क्या पता चलेगा
किसान अगर खेत की मिट्टी की जांच करवाते हैं, तो उन्हें आपके खेत की मिट्टी के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी। एक तरह से मिट्टी की कुंडली तैयार हो जाएगी। जिसमें पता चलेगा की मिट्टी में ऑक्सीजन, कार्बन, नाइट्रोजन, हाइड्रोजन, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, लोहा, बोरान, क्लोराइड, तांबा, जस्ता, मैंगनीज जैसे पोषक तत्व की मात्रा कम है या ज्यादा। जिससे आवश्यकता के अनुसार किसान खाद डालेंगे। ऐसा करने से उत्पादन में पहले से अधिक मिलेगा, जिसे आमदनी भी बढ़ जाएगी।
मिट्टी की जांच कहां होती है
किसानों को अब तक तो पता चल ही क्या होगा की मिट्टी के जांच करने से क्या फायदा है, तो ऐसे में अगर आप मिट्टी की जांच करने के लिए इच्छुक है तो आपको बता दे कि सिर्फ 102 रुपए यहां पर खर्च करना पड़ेगा और अपने खेत की मिट्टी को भरकर जिला कृषि लैब या तहसील में या फिर संबंधित ब्लाक में जमा कर सकते हैं। वहां पर आपको की जांच करने की सुविधा दी जाती है। जिसके लिए जब खेत की जुताई होती है, उस समय जमीन के 6 इंच नीचे की मिट्टी को एकत्रित करके दिया जाता है।
जिसके लिए भी कुछ नियम होते हैं, तो मिट्टी ले जाने से पहले आप कृषि अधिकारियों से बात कर ले, और उनसे मिली जानकारी के अनुसार खेत की मिट्टी को निकाल कर वहां जमा करें।