मिट्टी के सोना को कचरा समझ कर जलाने की ना करें भूल, सरकार दे रही 2 लाख 50 हजार रुपए तक अनुदान, इन 2 कृषि यंत्रों से फसल अवशेष की छुट्टी करें

इस लेख में आपको फसल अवशेष का प्रबंधन करने के लिए दो कृषि यंत्रों की जानकारी देने जा रहे हैं, जिस पर राज्य सरकार की तरफ से 80% तक अनुदान मिल रहा है-

खेत के सोना को कचरा समझने की भूल

हमारे देश में कई व्यक्ति खेती से जुड़े हुए हैं, किसानी करते हैं, जिसमें कुछ किसान आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं, जबकि कुछ किसान अभी भी पारंपरिक तरीके से खेती कर रहे हैं। इस समय‌‌ कई किसान रबी फसल की कटाई के बाद खेत में पड़े अवशेष को जला दे रहे हैं। जबकि यह बहुत ही बड़ा अपराध माना जा रहा है। इसकी सजा भी किसानों को दी जा रही है।

जिसके बीच राज्य सरकार ने किसानों को संदेश दिया कि ‘पराली/ खूंटी/ कूड़ा यह खेती का गहना है, इसे मिट्टी में मिलाएं, जलाये नहीं। यह अवशेष नहीं, विशेष है’ ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि जो फसल के अवशेष है, फसल की कटाई के बाद जो बचा हुआ है, आप उससे मिट्टी को उपजाऊ बना सकते हैं, उसे जलाने की जरूरत नहीं है, जलाने से पर्यावरण प्रदूषण होता है, मिट्टी खराब होती है, उत्पादन कम होगा।

इन 2 कृषि यंत्रों पर सब्सिडी

बिहार राज्य सरकार की तरफ से स्ट्रा रीपर और स्ट्रा बेलर पर सब्सिडी जा रही है। स्ट्रा रीपर की मदद से खेत में पड़े भूसे को ट्रॉली में इकट्ठा किया जाता है, और जो बचा कुछ अनाज छूट गया है, उसे भी वह अलग कर देती है, और भूसा अलग कर देती है। फिर उसे किसान एक जगह पर रख लेंगे तो पशुओं के लिए भी काम आएगा, या बेंच सकते हैं खेत भी साफ हो जाएगा।

इसके अलावा स्ट्रा बेलर की बात करें तो यह भी खेत में बेचे अवशेष को इकट्ठा कर बांध देता है। जिससे बहुत कम जगह फिर यह घेरता है, और लंबे समय तक आप इसे स्टोर कर सकते हैं, अपने पशुओं को खिला सकते हैं या फिर बेंच सकते हैं।

इन दोनों मशीन का इस्तेमाल करके फसल अवशेष का प्रबंध कर सकते हैं, फिर जलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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इन दोनों कृषि यंत्रों पर सरकार की तरफ से 40 से 80% की सब्सिडी जा रही है। जिसमें स्ट्रा रीपर पर सामान्य किसानों को 40% यानी की 120000 रुपए अनुदान मिल रहा है, अनुसूचित जाति जनजाति के किसानों को 50% यानी की 150000 रुपए तक अनुदान दिया जा रहा है।

वही स्ट्रा रीपर की बात करें तो इस पर सामान्य वर्ग के किसानों को 40% यानी की अधिकतम 250000 रुपए का अनुदान मिल रहा है, और अनुसूचित जाति जनजाति के किसानों को 50% यानी की अधिकतम 528000 अनुदान दिया जा रहा है।

आवेदन कहां करें

अगर आप बिहार के किसान है, स्ट्रा रीपर और स्ट्रा बेलर, अनुदान पर खरीदना चाहते हैं, तो इससे कीमत बेहद कम हो जाएगी। आवेदन करने के लिए कृषि विभाग की इस आधिकारिक वेबसाइट http://farmech.bihar.gov.in पर जा सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन करके फायदा उठा सकते हैं। यह लाभ स्पेशल कस्टम हायरिंग सेंटर स्कीम पर भी उपलब्ध है। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए किसान भाई अपने नजदीकी प्रखंड कृषि पदाधिकारी, सहायक निदेशक/ कृषि अभियंत्रण या फिर जिला कृषि पदाधिकारी से बातचीत कर सकते हैं और आवेदन के बारे में जान सकते हैं।

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नमस्ते, मैं निकिता सिंह । मैं 3 साल से पत्रकारिता कर रही हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी तरो ताजा खबरें बताउंगी। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप https://khetitalks.com के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद 

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