सिर्फ 9 से 10 हजार रु लगाकर कमाएं 3 लाख रु, खेती के इस तरीके ने चमका दी किसान की किस्मत, जानिए खास तरीका और लागत-कमाई। जिससे कम निवेश में कर सके तगड़ी कमाई।
सब्जी की खेती में कमाई
किसानों को ऐसी खेती की तलाश होती है, जिसमें वह कम निवेश में ज्यादा कमाई कर सके और मेहनत भी कम लगे। क्योंकि परंपरागत खेती में किसानों को लाभ नहीं हो रहा है। जिससे वह सब्जी और बागवानी की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। ऐसे में आज हम दो सब्जियों की खेती के बारे में जानेंगे जिसमें एक किसान को सफलता मिली है, और उन्होंने बताया कि वह पहले धान गेहूं की खेती किया करते थे। लेकिन उन्हें उसमें फायदा नजर नहीं है जिसमें उन्होंने एक खास विधि अपनाई और उन्हें कम निवेश में ज्यादा कमाई हो रही है। चलिए जानते हैं वह कौन-सी सब्जी की खेती में कमाई कर रहे हैं।
इस विधि से करें ये खेती
आज हम जिस किसान की बात कर रहे हैं वह सब्जी की खेती करके अच्छी खासी कमाई कर रहे हैं। जिसमें वह 5 बीघे की जमीन में करेला और तरोई की खेती कर रहे हैं, और उन्होंने खेती के लिए मचान विधि अपनाई है और इससे उन्हें बढ़िया कमाई हो रही है। यह किसान बाराबंकी जिले के मजेंटा गांव के निवासी हैं और इनका नाम चमन है। इन्होंने बताया कि कम निवेश में वह जायदा कमाई कर रहे है।
करेला सेहत के लिए फायदेमंद होता है। वहीं मचान विधि से करेले और तोरई की खेती करने में किसानों को कई फायदे हैं। जैसे की फसल में रोग लगने की समस्या दूर हो जाती है और पौधे भी नहीं सड़ते है। क्योंकि जमीन से ऊपर रहते हैं और ऐसे में अगर कोई रोग-कीट लगते हैं तो दवा छिड़कने में भी कोई दिक्क्त नहीं आती। चलिए जानते हैं किसान खेती कैसे कर रहे हैं और इसमें कितना खर्चा आ रहा है।
करेला और तोरई की खेती
करेला और तोरई की खेती करना बेहद आसान है। जिसमें सबसे पहले आपको खेत तैयार कर लेना चाहिए। जिसके लिए गहरी जोताई करना बेहतर होगा। इसके बाद मेड़ बनाकर आप एक फिट की दूरी में बोवाई करें। जैसे-जैसे पेड़ बढ़ते जाएं सिंचाई का पूरा ध्यान रखना होगा और पौधे को सपोर्ट देने के लिए आप बांस का स्टेचर बना सकते हैं।
साथ ही यहां पर लड़की में डोरी भी लगानी होगी। करेले की खेती में 50 से लेकर 55 दिन का समय लगता है और फसल तैयार होकर बाजार में बिकने लगती है। जिससे किसान कमाई करना शुरू कर सकते हैं।
किसान ने बताया खर्चा और कमाई
करेले और तोरई की खेती में आने वाले खर्च की किसान बात करते हुए कहते हैं कि उन्हें इसकी खेत में खर्च कम आता है। लेकिन कमाई ज्यादा है। जिसमें खर्चे के बात करें तो किसान को बीज, पानी, लेबर के साथ-साथ पौधे को सपोर्ट देने के लिए बस डोरी आदि का खर्चा आता है। यह सब चीज उन्हें खरीदने पड़ती है। लेकिन अगर आपके पास यह चीज हैं तो खर्चा और भी कम हो जाता है। लेकिन इसमें होने वाली कमाई की बात करें तो किसान की दो से लेकर ₹300000 की कमाई हो सकती है। यानी कि जैसी बाजार में सब्जियों की कीमत मिलती है उस हिसाब से मुनाफा कम या ज्यादा हो सकता है।