फल स्टोर करने, सड़ने से बचाने और पकाने के लिए राइपनिंग चैंबर बनाने पर 65 हजार रु का अनुदान दे रही सरकार

फल स्टोर करने, सड़ने से बचाने और पकाने के लिए राइपनिंग चैंबर बनाने पर 65 हजार रु का अनुदान दे रही सरकार, चलिए जानें कैसे मिलेगा लाभ।

राइपनिंग चैंबर बनाने पर 65 हजार रु का अनुदान

अगर आप फलों की खेती, बागवानी करते हैं तो आपके लिए बड़ी खबर है। आपको बता दे की राइपनिंग चैंबर पर सरकार की तरफ से 65000 का अनुदान दिया जा रहा है। राइपनिंग चैंबर बागवानी करने वाले लोगों के लिए या वह लोग जो फल को स्टोर करते हैं उन्हें पकाने का काम करते हैं उनके लिए बहुत काम की चीज है। जिस पर राज्य सरकार की तरफ से 65000 की सब्सिडी दी जा रही है।

दरअसल यहां पर अगर आप राइपनिंग चैंबर बनाते हैं तो सरकार की तरफ से कुल खर्च का 35% फीसदी आर्थिक मदद दी जाएगी तो चलिए सबसे पहले हम जानते हैं कि राइपनिंग चैंबर किस-किस काम में आता है और फिर अनुदान कैसे मिलेगा यह भी जानेंगे।

राइपनिंग चैंबर किस काम में आता है

नीचे लिखे बिंदुओं के आधार पर जानिए राइपनिंग चैंबर (पकाने वाला कक्ष) कितने काम का है।

  • राइपनिंग चैंबर में अगर पके हुए फलों को रखा जाता है तो वह लंबे समय तक सड़ते नहीं है। उन्हें लंबे समय तक स्टोर किया जा सकता है। किसी तरह के फलों में कोई नुकसान नहीं होगा।
  • इसके अलावा कच्चे फल को पकाने में भी राइपनिंग चैंबर काम आते हैं। यहां पर एथिलीन गैस के द्वारा फलों को पकाते हैं।
  • राइपनिंग चैंबर खोलकर आप फलों (केला, आम, पपीता आदि) को स्टोर करने का उसे पकाने का व्यवसाय भी कर सकते हैं।

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राइपनिंग चैंबर पर अनुदान कैसे मिलेगा

आपको बता दे कि बिहार सरकार द्वारा राइपनिंग चैंबर बनाने के लिए आर्थिक मदद की जा रही है। जिसमें अगर कोई किसान भाई राइपनिंग चैंबर बनाना चाहते हैं या वह लोग जो अपना खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं तो सरकार की तरफ से 35 फीसदी का अनुदान ले सकते हैं। आपको बता दे की एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत इस योजना का लाभ लेने के लिए आपको बागवानी विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना होगा और फिर राइपनिंग चैंबर बनाकर वहां पर फलों को लंबे समय तक ताजा और कच्चे फलों को पकाने का भी काम कर सकते हैं।

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