तेज धूप और बारिश भी मोगरा का नहीं कर पाएंगे कुछ, हर शाखा में खिलेंगे गुच्छो में फूल, एक आलू और ₹2 का चूना करेगा कमाल

हम मोगरा के लिए आलू और चूना की चमत्कारी खाद के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, जिससे पौधे पर फूलों की बारिश होगी।

मोगरा फूल

मोगरा फूल सुंदर और सुगंधित होता है। पूजा के अलावा मोगरा फूल का इस्तेमाल सजावट के लिए भी किया जाता है। गर्मियों में जहां सारे फूल मुरझा जाते हैं, वहीं मोगरा तेज धूप और बारिश में भी फूलों से लदा रहता है, लेकिन इसके लिए आपको कुछ काम करने होंगे। आपको पौधे को पोषण देना होगा। आपको फंगस कीड़ों से बचाना होगा। साथ ही आपको कुछ काम करने होंगे ताकि फूल आएं। तो चलिए आपको इन सबका उपाय बताते हैं। सबसे पहले हम खाद के बारे में जानेंगे।

मोगरा के लिए खाद

अगर मोगरा के पौधे को पोषण मिलता रहेगा तो वह अधिक फूल देगा, जिसके लिए आपको 25 से 30 दिन के अंतराल पर गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट खाद देनी होगी, जिससे पौधे में अधिक फूल आएंगे। आपको आस-पास की मिट्टी हटाकर यह खाद डालनी होगी। उसके बाद क्या करना है चलिए इसके बारें में जानें।

आलू और चूना

खाद डालने के बाद आपको एक आलू लेना है, उसे अच्छे से पीसना है और फिर रस को छान लेना है। इसके बाद तीन लीटर पानी और लेना है। इसमें 3 ग्राम चूना डालना है, आप करीब आधा चम्मच चूना ले सकते हैं, इसे अच्छे से मिला लें और इसमें आलू का रस डाल दें। फिर इन दोनों चीजों को मिलाकर मोगरा के पौधे की मिट्टी में डाल दें। इसके बाद किनारों से जो मिट्टी आपने पहले हटाई थी उसे ढक दें। आप कोई भी खाद डालें तो अंत में मिट्टी से ढक दें।

इसके फायदे ये होंगे की पौधे को कई तरह के पोषक तत्व मिलेंगे। सफेद फूलों को कैल्शियम चाहिए होता है जिसके लिए चूना दे सकते है।

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नई शाखाओं के लिए ये काम करें

पौधे में शाखाएँ नई होंगी, तभी गुच्छों में फूल आएंगे। जहाँ पुराने फूल आते हैं, वहाँ नए फूल जल्दी नहीं आते। इसलिए जब फूल खिलकर सूख जाए तो उस शाखा को काटते रहें। अन्यथा फूल कम आएंगे। आपको साल में दो बार पौधे की कटाई भी करनी चाहिए और मिट्टी भी बदलनी चाहिए।

मोगरा को धूप के साथ-साथ समय-समय पर पानी की भी जरूरत होती है। कई बार पौधे में फफूंद की समस्या हो जाती है। ज्यादा पानी देने से भी यह प्रभावित हो जाता है, इसलिए आपको समय पर फफूंदनाशक भी डालना चाहिए। अगर तापमान 40 डिग्री जा रहा है तो इसे छायादार जगह पर रखें जहां सुबह और शाम की धूप मिले लेकिन दोपहर की धूप न मिले। इसके अलावा पानी की निकासी का ध्यान रखें, गमले में पानी जमा न हो और पौधे में घर पर बना फफूंदनाशक डालें।

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