फूल गोभी की खेती: लाखो में खेलना है तो लगाएं फूल गोभी की प्रसिद्ध किस्में, होगी बंपर पैदावार

फूल गोभी की खेती से तगड़ा मुनाफा कमाने के लिए इस लेख में पाए पूरी जानकारी, जिससे मिलेगा शानदार उत्पादन-

फूल गोभी की खेती

फूल गोभी की खेती में किसानों को मुनाफा है। फूलगोभी की डिमांड बनी ही रहती है। फूलगोभी एक पसंदीदा सब्जी है। फूलगोभी में प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस, विटामिन सी, विटामिन ए आदि पोषक तत्व पाया जाता है। फूल गोभी सब्जी के रूप में पकाकर भी खाई जाती है, और इसका अचार बनाकर भी खाया जाता है। फूलगोभी बैंगनी, हरी और सफेद रंग की भी दिख जाएगी। फूल गोभी पीले रंग की भी देखने को मिल जाएगी। फूल गोभी का वैज्ञानिक नाम Brassica oleracea var. botrytis है।

फूल गोभी के सेवन से पाचन शक्ति मजबूत होती है। इसमें पाए जाने वाले प्रोटीन सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। इस लेख में आपको फूलगोभी की बढ़िया किस्म की जानकारी दी जाएगी। खाद कब देना है और इसकी खेती में कितना मुनाफा होता है यह भी जानेंगे।

फूलगोभी कितने दिन में तैयार हो जाती है?

फूल गोभी की खेती करने जा रहे हैं तो आपको यह जानकारी होनी चाहिए कि यह फसल कितने दिन में तैयार हो जाती है, कब आपका खेत खाली हो जाएगा। तो बता दे की फूल गोभी की फसल अलग-अलग वैरायटी की जो होती है उन्हें समय अलग-अलग लगता है। जिसमें 60 से लेकर 120 दिन में तैयार होने वाली यह फसल मानी जाती है। फूलगोभी में लगने वाला समय इस पर भी निर्भर करता है कि आपने किस समय इसकी बुवाई की है और खेती का तरीका क्या है।

फूल गोभी के बीज करीब 8 से 10 दिन में अंकुरित हो जाते हैं। 1 महीने में रोपाई के लिए पौधे तैयार हो जाते हैं। जब उसमें तीन से पांच पत्ती आ जाती हैं तो उन्हें रोप सकते हैं। ऊंचाई की बात करें तो उस समय 12 सेंटीमीटर या 4.7 इंच रहेगी।

फूल गोभी में उत्पादन

फूल गोभी की खेती से मिलने वाले उत्पादन की बात करें तो एक हेक्टर में 20 से 40 टन उत्पादन प्राप्त हो जाता है। 1 हेक्टेयर में 2.47 एकड़ जमीन आती है। कुछ किसानों का कहना है कि इसकी औसतन पैदावार 100-125 क्विंटल प्रति एकड़ मिल जाती है।

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फूल गोभी की प्रसिद्ध किस्में

नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार फूल गोभी की कुछ बढ़िया किस्मों की जानकारी लीजिए-

  • अगेती किस्में- किसान अगर अगेती फूल गोभी की खेती करना चाहते यही तो अगेती किस्मों का चुनाव कर सकते है। अर्ली कुंआरी, समर किंग, पूसा कतिकी, पूसा दीपाली, और पावस, इम्प्रूब्ड जापानी आदि अच्छी है।
  • मध्यम किस्म- किसान मध्यम किस्म की तलाश में है तो पंत सुभ्रा, पूसा सुभ्रा, पूसा सिन्थेटिक, के.-1, पूसा अगहनी, सैगनी, हिसार नं.-1, पूसा स्नोबाल आदि बढ़िया है।
  • पछेती किस्म- किसान अगर पछेती किस्म की तलाश है तो पूसा स्नोबाल-1, पूसा स्नोबाल-2 और स्नोबाल-16 आदि बढ़िया है।

पूसा शुक्ति, पूसा शरद, पूसा पौषजा, पूसा मेघना, पूसा अश्विनी, पूसा कार्तिक, पूसा कार्तिक संकर, पूसा कार्तिकी, पूसा दीपाली काशी अघेनी, पालम उपहार, अर्ली कुंवारी पंजाब आदि बढ़िया किस्म है।

फूलगोभी में यूरिया कब डालें?

किसान बिक्री करने के फूलगोभी की खेती कर रहे तो अधिक उत्पादन मिलेगा तभी तो कमाई होगी। जिसमे किसानों की खाद मदद करेगी। खाद से अच्छा उत्पादन मिलेगा। फूलगोभी की अच्छी पैदावार के लिए, खेत में जीवांश चाहिए होता है। जिसमें किसानों को रोपाई से 3 से 4 हफ़्ते पहले ही 20 से 25 टन तक सड़ी पुरानी गोबर की खाद या कम्पोस्ट मिला दे सकते है। फूल गोभी की खेती में यूरिया अगर डालना चाहते हैं तो उसका भी एक समय होता है जिसमें फूलगोभी कि जब रोपाई करते हैं उसके तीन हफ्ते बाद यूरिया खाद डाल सकते हैं।

दोबारा यूरिया जब फूल आ जाता है तब दिया जाता है। रोपाई के तीन हफ्ते बाद किसान पहले खेत से खरपतवार हटा दें फिर हल्की सिंचाई करने के बाद एक एकड़ 30 किलो यूरिया का सकते हैं। पत्तो में अगर पीलापन दिखाई दे रहा है तो इसके लिए 100 से 150 ग्राम यूरिया 10 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे भी कर सकते हैं। इससे भी फायदा होगा।

फूलगोभी की खेती में कमाई

फूल गोभी की खेती से होने वाली कमाई समय पर भी निर्भर करती है। अगेती फूलगोभी की कीमत किसानों को अधिक मिलती है। ठंड में फूलगोभी की डिमांड ज्यादा रहती है, और किसानों को मुनाफा भी अधिक होता है। जिसमें अगेती फूल गोभी की खेती किसान करेंगे तो 1 एकड़ से लगभग 100 क्विंटल उत्पादन मिल जाएगा और उसकी कीमत खुदरा बाजार में 70 से 80 रुपए किलो रहती है। अन्य मंडियों में 40 से ₹50 भी 1 किलो में बिकती है। लेकिन आपको बता दे कि अगस्त 2024 में 100 से 120 रुपए प्रति किलो फूलगोभी जा रहे थी।

मध्य प्रदेश के किसानों ने पिछली बार धान के कटाई के तुरंत बाद फूल गोभी की खेती की थी। जिससे उन्हें एक हेक्टर से एक लाख 20 हजार से लेकर, 1,50,000 रुपए तक शुद्ध मुनाफा कमाया था।

फूलगोभी की खेती का समय

फूल गोभी की खेती में अगर किसान समय पर करते हैं तो उन्हें मंडी में कीमत अधिक मिलती है। जिससे मुनाफा अधिक होता है। जिसमें अगेती फूलगोभी की खेती सबसे ज्यादा मुनाफा देने वाली फसल है। आपको बता दे की जून से जुलाई के बीच अगेती बुवाई होती है और मध्य अगेती किस्म की बुवाई किसान अगस्त में करते हैं। वही मध्य पछेती किस्म की बुवाई का समय सितंबर होता है। फूल गोभी की खेती के लिए गर्म और आद्र जलवायु बेहतर होती है। फूल गोभी लगाना चाहते हैं तो दो कतार के बीच 40 सेंटीमीटर और दो पौधों के बीच 30 सेंटीमीटर की दूरी रखें।

फूलगोभी की खेती कैसे करें

नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार जाने फूलगोभी की खेती के बारे में-

  • फूल गोभी की खेती के लिए बढ़िया से पहले खेत तैयार कर लीजिए।
  • जिसमें तीन से चार बार जुताई करके। पाटा चला कर बुवाई करें।
  • खेत की जल निकासी की बढ़िया व्यवस्था होनी चाहिए।
  • फूल गोभी की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी बेहतर होती है।
  • रोपाई करने के लिए फूलगोभी के तीन से चार सप्ताह पुराने पौधे लगाए।
  • दो पौधों के बीच की दूरी 12 से 18 इंच और दो पंक्तियों के बीच की दूरी 2 से 3 फुट भी रख सकते हैं।
  • सर्दियों में फूलगोभी की खेती बेहतर होती है। गर्मी में किसानों को नुकसान हो सकता है।
  • फूल जब पूरी तरह से विकसित हो जाए तब उसकी कटाई करके किसन बिक्री करें। जिससे उन्हें अच्छा फायदा होगा।
  • 1 से 2 सेंटीमीटर में गहराई में बुवाई करे। जब नर्सरी तैयार करते हैं उस समय बीज बोने के बाद खाद या पानी नहीं देना चाहिए।
  • अगेती फूल फूलगोभी की खेती कर रहे हैं तो दो पौधों के बीच 45 सेंटीमीटर की दूरी पर रखें। ऐसा ही पछेती किस्म में भी करना है।
  • फूल गोभी की खेती के लिए जलवायु और तापमान का भी ध्यान रखना चाहिए।
  • 1 हेक्टेयर में अगेती किस्म की खेती करते हैं तो 500 से 600 ग्राम बीजों की आवश्यकता पड़ती है।
  • सर्दियों में फूलगोभी की खेती कर रहे हैं तो 12 से 15 दिन के अंतराल में सिंचाई करें।

फूलगोभी में लगने वाले कीट

नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार फूलगोभी में लगने वाले कीट जानें-

  • फूलगोभी की फसल में चमकीली पीठ वाला पतंगा देखने को मिल जाता है। जिसके लिए नीम के बीजों का अर्क 40 ग्राम को एक लीटर पानी में मिलाकर फूल बनने के शुरूआत में भी स्प्रे कर सकते है। अगर समय अधिक है तो बी टी घोल 200 ग्राम की स्प्रे रोपाई के बाद करीब 35 से 50 दिन में किसान एक एकड़ में कर सकते है। इसके आलावा किसान के पास स्पाइनोसैड 2.5 प्रतिशत एस सी 80 मि.ली. का भी विकल्प है जिसे 150 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करना होता है। मात्रा का किसान जरूर रखे ध्यान।
  • फूलगोभी की फसल में किसानों को रस चूसने वाले कीडो की समस्या भी आती है। जिसमें चेपे और तेले का प्रकोप अधिक होता है। इमीडाक्लोप्रिड 17.8 एस एल 60 मि.ली. को 150 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करना चाहिए। इससे सुधार दिखेगा।
  • फूलगोभी में किसानो को सुंडी की समस्या भी आती है। जिसमें किसानों को चेक करना चाहिए अगर एक बूटे में दो सुंडिया दिखे तो बी टी 10 ग्राम को एक 10 लीटर पानी में मिलाकर शाम के समय स्प्रे कर दें। इसके लिए नीम अर्क 40 ग्राम को एक लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे कर सकते है। कीट के लिए किसान थायोडीकार्ब 75 डब्लयू पी 40 ग्राम, 15 ली. पानी में मिलाकर स्प्रे कर सकते है।
  • फूलगोभी की खेती करने वाले किसानों को सरसों की आरा मक्खी भी परेशान करती है। जिसमे किसान मेलाथियान 50 ई.सी. को 1.5 मि.ली. लीटर की दर से पानी में मिलाकर स्प्रे कर सकते है। इससे इस समय छुटकारा मिल सकता है।

नोट: इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी किसानों के निजी अनुभवों और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध इंटरनेट स्रोतों पर आधारित है। किसी भी जानकारी का उपयोग करने से पहले कृषि विशेषज्ञों से परामर्श अवश्य करें।

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नमस्ते, मैं निकिता सिंह । मैं 3 साल से पत्रकारिता कर रही हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी तरो ताजा खबरें बताउंगी। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप https://khetitalks.com के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद 

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