हमारे देश में कई ऐसे राज्य है जहां अलग-अलग तरह की खेतिया की जाती है लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे देश में मध्य प्रदेश एक ऐसा राज्य है जहां पर किसानों को सरकार की तरफ से इस बात की मंजूरी मिली है कि वह अफीम की खेती कर सकते हैं। हालांकि अफीम में ऐसी चीज है जिसकी वजह से नशा होता है जिसकी वजह से इस पर बेन लगाई गई है।
आपको बता दे की अफीम की खेती के लिए किसानों को वित्त मंत्रालय की ओर से लाइसेंस दिया गया है। इतना ही नहीं की ओर से सरकार ने इस बात को तय किया है कि वह कितने एकड़ जमीन पर किसानों को अफीम करने की मंजूरी देंगे।
अफीम से जुड़े नियम
अफीम की खेती करने के लिए किसानों को कुछ बातों का खास ध्यान रखना होता है। जिसके लिए सरकार की तरफ से कितनी जमीन पर अफीम करनी है। इस बात को तय किया गया है इतना ही नहीं खेती के लाइसेंस से जुड़ी शर्तें क्राइम ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स की वेबसाइट पर डाल दी गई है। आपको बता दे की मध्यप्रदेश भर के हजारों किसानों को अफीम की खेती करने की मंजूरी दी गई है। वहीं सरकार यहां के लगभग हजारों किसानों को इसकी खेती के लिए लाइसेंस जारी किया हुआ है। मध्य प्रदेश भर के किसान अफीम की खेती कर सकेंगे।
मंदसौर के किसान कमा रहे लाखों
आपको बता दे की मध्यप्रदेश के जिले मंदसौर में कई किसान अफीम की खेती से आज के समय में लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं। इतना ही नहीं मंदसौर में संसदीय क्षेत्र में लगभग 50000 से ज्यादा किसानों ने अफीम की खेती को अपनाया है और इससे वह तगड़ा मुनाफा कमा रहे हैं। बता दे की अफीम की खेती से किसानों को प्रति किलो लगभग 8000 रुपए से ₹100000 तक की कीमत मिलती है। अफीम की खेती लांसिंग और सीपीएस दोनों तरीकों से खेती की जा सकती है।
प्रशासन दे रही प्राथमिकता
किसानों को अफीम की खेती करने के लिए प्रशासन की तरफ से प्राथमिकता मिल रही है। कई सुविधाओं को लेकर प्राथमिकता दी जा रही है। इतना ही नहीं और अफीम के अधिकारी बी. एन. कुमार ने इस बात की खबर दी है। इतना ही नहीं प्रशासन की तरफ से इतनी मदद की जा रही है की अफीम की खेती में गर्मी से फसल को बचाने के लिए कूलर और टेंट लगाए जा रहे हैं। इसके साथ ही ठंडा पानी भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करवाया जा रहा है।
अफीम की तोल प्रक्रिया
आपकी जानकारी के लिए बता दे की मंदसौर जिले में नारकोटिक्स विभाग के कार्यालय मे आने वाली 6 अप्रैल तक अफीम की तोल प्रक्रिया होने वाली है। आपको बता दे कि यह पिछले महीने की 29 मार्च को शुरू हो गई थी। इतना ही नहीं इससे किसानों की फसलों को तौला जा रहा है।
इसके साथ ही बता दे की नारकोटिक्स विभाग के अधिकारियों ने इस बात की खबर दी है कि शनिवार को मंदसौर जिले में प्रथम प्रखंड के लगभग 7 गांव से 282 किसानों ने अपनी अफीम की फसल को विभाग को सौंप दिया है। यह प्रक्रिया लगभग 17 अप्रैल तक कंट्रोल्ड पॉलिसी सेट पद्धति के किसानों के अफीम जमा होंगे। इस फसल से किसानों को हर साल लाखों-करोड़ों की कमाई होती है।