प्याज की खेती करने वाला यह पूरा गांव एक ऐसी वैरायटी लगा रहा है जिसकी खेती से कई राज्यों में मचा बवाल, जानिए प्याज वाला गांव की सफलता का राज-
प्याज की खेती में कमाई
प्याज की खेती में किसानों को मुनाफा तो है ही प्याज की डिमांड साल भर बनी रहती है। प्याज की खेती कई राज्यों में की जाती है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे गांव की जानकारी देने जा रहे हैं जिसे ‘प्याज वाला गांव’ कहकर पुकारा जाता है। दरअसल, इस गांव में प्याज की खेती सालों से करते आ रहे हैं। गांव के करीब 350 परिवार ऐसे हैं, जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी प्याज की खेती करते आ रहे हैं। जिससे उन्हें प्याज की खेती में अच्छा तजुर्बा भी है।
जिस गांव की हम बात कर रहे हैं वह रसीदपुर है। यह सीकर जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर में स्थित है। इस गांव में लगभग 400 परिवार है। जिनमें से 350 परिवार प्याज की खेती करते हैं। चलिए आपको बताते हैं यह कौन सी प्याज लगाते हैं।
मीठे प्याज की खेती
प्याज की कई किस्म किसानों को मिल जायेगी, जिनकी कीमत अच्छी मिलती है। जिसमें आज हम मीठे प्याज की खेती की बात कर रहे हैं। रसीदपुर की यह प्याज इतनी पसंद की जाती है कि कई राज्यों में इसका बोलबाला है। इस प्याज की मिठास ग्राहकों को अपनी तरफ आकर्षित करती है, देखने में भी यह बेहतरीन लगती है। यही वजह है कि राजस्थान का यह सीकर जिला मीठे प्याज के लिए प्रसिद्ध है। जिससे राजस्थान के अलावा दिल्ली जैसी बड़ी मंडियों में भी यह प्याज डिमांड में रहती है।
साथ ही किसान भी बहुत उत्साह के साथ प्याज लगाते है। जिससे रसीदपुर में इतना प्याज का उत्पादन होता है कि प्रदेश का 40% मांग यहीं से पूरा होता है। इसीलिए इसे प्याज वाला गांव भी कहते हैं। राजस्थान में यह प्याज की पूर्ति तो करता ही है साथ ही साथ दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, और हिमाचल प्रदेश में भी यहां के प्याज मशहूर है। चलिए जानते हैं यहाँ प्याज की खेती कैसे करते हैं।

प्याज की खेती में वर्षों का तजुर्बा
जैसा कि हमने बताया गांव के लोग सालों से प्याज की खेती करते आ रहे हैं, और इन्हें इसमें फायदा भी है। पैसे के साथ-साथ नाम भी यह लोग कमा रहे हैं। प्याज की खेती के बारे में किसानों का कहना है कि वह प्याज के बीज को तैयार करते हैं, यानी कि बाजार से नहीं खरीदते। जिससे पैदावार भी अधिक होती है। गांव के लगभग 80% क्षेत्र में प्याज की खेती की जाती है। किसान प्याज की खेती से 1 साल में 200 करोड रुपए की कमाई कर लेते हैं। इस तरह मीठे प्याज की खेती किसानों के जीवन में भी मिठास घोल रही है।
सामान्य तौर पर प्याज की खेती अधिकतर किसान रबी के मौसम में करते है। यह एक नगदी फ़सल मानी जाती है। प्याज की खेती के लिए समशीतोष्ण और बारिश रहित जलवायु बेहतर होती है।
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