अब होगी ज्यादा पैदावार, कम खर्च में! PAU ने विकसित की धान की नई चमत्कारी किस्म

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की और से लगभग आठ सालों की कड़ी मेहनत और गहन शोध के चलते आज धान की एक नई उन्नत किस्म पीआर 132 का जन्म हुआ है, जो न सिर्फ खेती को सस्ता करेगी बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण में भी बहुत ज्यादा मददगार साबित होगी। इस किस्म को पारंपरिक धान के मुकाबले बहुत ही कम उर्वरकों की जरुरत पड़ती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बहुत ज्यादा है। वैसे तो आमतौर पर धान की फसल पर अधिकतर झुलसा रोग का खतरा बना रहता है, लेकिन इस पीआर 132 में लगभग छह प्रकार के रोगों का डट कर मुकाबला कर सकती है। आइए इस धान की नई किस्म के बारे में विस्तार से बताते है।

किसानों के लिए फायदे का सौदा

इस नई विकसित की गई इस किस्म से किसानों को यूरिया जैसे कई रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम करने में बहुत ज्यादा मददगार बनेगी। इस नई किस्म में लागत कम लगेगी और मुनाफा बढ़ जायेगा। इतना ही नहीं इसकी पैदावार बढ़ने के कारण लोग इसकी और आकर्षित होने लगेंगे। इस नई किस्म पीआर 132 की गुणवत्ता भी अच्छी रहेगी। इस किस्म के दाने चमकदार और लंबे होने के साथ ही पतले होते हैं।

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नई किस्म की खासियत

PU के निदेशक डॉ. अजमेर सिंह दत्त का मानना है कि, इस नई किस्म के पौधे तैयार करने के लिए आपको नर्सरी में तैयार करने के लिए लगभग 20 से 25 मई के मध्य लगा देनी चाहिए, जिसके बाद यह किस्म लगभग 30-35 दिनों में तैयार हो जाएगी। इसके बाद आपको इसकी रोपाई कर देना चाहिए जिसके बाद यह लगभग 111 दिनों में फसल तैयार हो जाएगी। इस किस्म की ऊंचाई 113 CM पाई जाती है, इसके बाद कटाई भी आसानी से कर पाएंगे। इस प्रकार आप इस नई किस्म की खेती कर पाएंगे जिसके बाद आपको अच्छी गुणवत्ता के चावल प्राप्त होंगे।

इस नई किस्म मिलिंग के लिहाज से भी बहुत जबरदस्त हो सकते है, ऐसा इसलिए क्योकि इस किस्म से निकलने वाले अच्छे गुणवत्ता वाले और साबुत चावल बहुत ज्यादा खास होने वाले है। इस धान की नई किस्म से न होइ सिर्फ किसानों को मुनाफा मिलेगा, इतना ही नहीं इससे चावल मिलों की उत्पादकता में भी बढ़ावा होगा।

यूरिया का इस्तेमाल है घातक

वैज्ञानिकों का कहना है कि यूरिया एक नाइट्रोजन स्रोत होने के बाद भी इसका अगर जरुरत से ज्यादा इस्तेमाल करते है तो इससे मिट्टी, जल और पर्यावरण के लिए बहुत घातक हो सकते है। अब ऐसे में नई किस्म की धान जिसका नाम पीआर 132 जैसी उन्नत किस्में रासायनिक उर्वरकों की खपत को कंट्रोल करने में बहुत ज्यादा मददगार होगी। इस किस्म से मिट्टी की उर्वरता बनी रहेगी इसके साथ ही अच्छी खेती को भी बढ़ावा मिल जायेगा।

पैदावार भी होगी ज्यादा

धान की किस्मउपज प्रति एकड़यूरिया की खपत
पीआर 13231.5 क्विंटलडेढ़ बैग
पीआर 13131 क्विंटलदो बैग
पीआर 13031 क्विंटलदो बैग
पीआर 12930 क्विंटलदो बैग
पीआर 12830 क्विंटलदो बैग

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