फसल खराब करने वाले नीलगाय-हिरण हेलीकॉप्टर चढ़कर जाएंगे जंगल, सरकार फसलों की करेगी सुरक्षा, जानवरों की होगी जंगल में व्यवस्था

जंगली जानवरों से अब किसानों को नुकसान नहीं होगा, क्योंकि राज्य सरकार ने हेलीकॉप्टर के जरिए नीलगाय-हिरण को जंगल में भेजने की व्यवस्था कर रही है-

नीलगाय-हिरण फसल करते हैं खराब

किसानों को बुवाई से लेकर कटाई तक अपने खेत की तकवारी करनी पड़ती है, जो कि बड़ा मेहनत का काम होता है। अगर जंगली जानवर एक भी दिन खेत में घुस जाते हैं, तो पूरी फसल बर्बाद कर देते हैं। महीनो की मेहनत हजारों रुपए की लागत सब कुछ पानी में चला जाता है। इसीलिए सरकार जंगली जानवरों से फसल को बचाने के लिए तरह-तरह के उपाय कर रही है। जिसमें आज हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की उन्होंने। किसानों के फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए बड़े फैसले लिए हैं तो चलिए इसके बारे में जानते हैं।

हेलीकॉप्टर से जंगल जाएंगे पशु

जंगली जानवरों का खेतों में आतंक बढ़ता ही जा रहा है। जिसमें मुख्य तौर पर नीलगाय और हिरण किसानों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। नीलगाय को संभालना किसानों के लिए मुश्किल होता जा रहा है। ऐसे में मुख्यमंत्री ने किसानों के लिए बड़ा फैसला लिया है। आपको बता दे की मुख्यमंत्री निवास में गुरुवार के दिन समस्त भवन में ‘मध्य प्रदेश टाइगर फाउंडेशन समिति’ 15वीं आमसभा की बैठक थी। जिसमें सीएम ने कहा कि फसल चौपट करने वाले नीलगाय और काले हिरण को जंगलों में हेलीकॉप्टर के द्वारा शिफ्ट किया जाए।

जी हां आपको बता दे की जानवरों को पकड़ कर हेलीकॉप्टर के जरिए जंगलों में ले जाया जाएगा। जिससे वह किसानों के खेत के आसपास नहीं बैठेंगे। इसके लिए रॉबिंसन 44 नामक हेलीकॉप्टर किराए पर सरकार लेगी। इस हेलीकॉप्टर के जरिए नीलगाय और काले हिरण को पकड़ कर जंगल ले जाया जाएगा। इसके अलावा सरकार ने कहा कि जंगलों में हरे चारे के बढ़ोतरी पर काम किया जाए। अगर जंगल में जानवरों के लिए चारे की बढ़िया व्यवस्था होगी तो जानवर खेतों की तरफ नहीं आएंगे।

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टेंडर के लिए नहीं मिल रहे आवेदन

रॉबिंसन 44 हेलीकॉप्टर किराए पर लेने के लिए टेंडर जारी किया गया था। जिसके लिए इ-टेंडर करीब तीन बार जारी किया जा चुका है। लेकिन जैसा सरकार को चाहिए उस तरह का हेलीकॉप्टर और पायलट अभी तक नहीं मिल पा रहा है। जिससे इस काम में अवरोध हो रहा है। लेकिन प्रमुख सचिव विमान से अनुरोध किया गया है। इस तरह अब किसानों को नीलगाय और हिरण से सुरक्षा देने के लिए उन्हें जंगलों में भेजा जाएगा। जिससे वह किसानों के खेत पर आसपास नहीं नजर आएंगे।

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