मक्के की फसल अच्छी लेना चाहते हैं, खरपतवार की समस्या से छुटकारा पाना चाहते हैं, खेती में आने वाले लागत कम करना चाहते हैं, तो चलिए आपको मुफ्त का उपाय बताते हैं-
गर्मी में मक्का की खेती
कई किसान गर्मी में मक्का की खेती करते हैं। लेकिन किसानों के सामने तापमान, सिंचाई, खरपतवार बड़ी चुनौती होती है। गर्मियों में तापमान अधिक होता है, खेत की नमी जल्दी खत्म होती है, और खरपतवार बहुत होती है। जिसके लिए निराई-गुड़ाई, सिंचाई आदि का खर्चा बढ़ जाता है। लेकिन किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है इस लेख में आपको मुफ्त का उपाय बताने जा रहे हैं जिसे खेत में बिछा देने से घास नहीं उगेगी, फसल भी अच्छी होगी, मिट्टी में नमी बनी रहेगी।

खेत में बिछा दें यह मुफ्त की चीज
दरअसल, हम मल्चिंग की बात कर रहे हैं। जिसे पलवार भी कहा जाता है। खेत में धान की पुआल को आप बिछा दें तो यह मल्चिंग का काम करेगी। अधिकतर किसान धान की पुआल को जला देते हैं। लेकिन इसका किसान इस्तेमाल कर सकते हैं। गर्मी में फसलों के नीचे से बिछा देंगे तो मिट्टी में नमी बनी रहेगी, खरपतवार कम उगेगी, फसल का रंग गहरा होगा, तापमान का मिट्टी पर असर नहीं होगा। अप्रैल का समय चल रहा है, जल्दी मई महीना लग जाएगा। जिससे और ज्यादा गर्मी बढ़ने लगेगी। लेकिन पलवार/मल्चिंग करके जमीन को ठंडा बनाए रख सकते हैं, चलिए जानें एक एकड़ में कितनी धान की पुआल लगेगी।
1 एकड़ में कितनी धान की पुआल लगेगी
अगर धान की पुआल की मल्चिंग करना चाहते हैं तो आपको बता दे की एक एकड़ में 2.5 टन धान की पुआल की जरूरत होगी। धान की पुआल की मल्चिंग करने से जड़ों का विकास अच्छे से होता है। जिससे अधिक उत्पादन मिलता है, क्योंकि फसल भी बढ़िया होती है, और खरपतवार नहीं उगती तो उन्हें निकालने के लिए मजदूर नहीं लगाने पड़ेंगे, ना ही खरपतवार नाशक का छिड़काव करना पड़ेगा। जिससे लागत कम हो जाएगी। चलिए जाने एक एकड़ में कितनी धान की पुआल की आवश्यकता होगी।