लाल-गुलाबी फल की खेती करके आप भी बन जाएंगे अमीर, लाखो की होगी बरसात, जानिए किस खेती से किसान भाई लाखो कमा रहे पैसा

लाल-गुलाबी फल की खेती करके आप भी बन जाएंगे अमीर, लाखो की होगी बरसात, जानिए किस खेती से किसान भाई लाखो कमा रहे पैसा।

लाल-गुलाबी फल की खेती

ड्रैगन फ्रूट्स अनानास की तरह होता है। लेकिन अंदर से गुदा सफेद और काले छोटे-छोटे बीजों से भरा हुआ नाशपाती कीवी की तरह होता है। इस फल का रंग लाल, गुलाबी होता है। बाहर से इसकी त्वचा में हरे रंग की पंक्ति होती है जो ड्रैगन की तरह दिखाई देती है। इसको ड्रैगन फ्रूट्स के नाम से जाना जाता है। यह फल तरबूजे की तरह मीठा होता है। अच्छी तरह से उगते हैं और बारिश कम हो जहां बारिश कम हो वहां ड्रैगन फ्रूट्स की मात्रा ज्यादा होती है। यह मध्य एशिया में पाया जाता है।

दो दोस्तों की सफलता की कहानी

दो दोस्तों की खेती। झारखंड के बोकारो जिले के एक किसान ने साबित कर दिखाया है। बोकारो जिले के पेटरवार प्रखंड के बुटगोड़वा गांव के टिचर बलदेव मांझी इन दिनों ड्रैगन फ्रूट की खेती से लाजबाव कमाई कर रहे हैं। खेती का आइडिया उनके दोस्त दिनेश कुमार ने दिया था। रहेहै अब उन्हीं के साथ मिलकर बलदेव एक एकड़ जमीन में ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे है। दोनों दोस्तों की मोटी कमाई कर रहे हैं। उन्होंने बताया की ड्रैगन फ्रूट मुख्य रूप से अमेरिकी फल है, जिसमें कई पोषक तत्व पाए जाते है। यह स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है.

ड्रैगन फल की खेती

इस फल की खेती के लिए पौधों के बीच 2 मीटर की दूरी रखनी चाहिए। जिससे पर्याप्त मात्रा में जगह प्राप्त कर सके गहराई पौधे के लिए गड्ढे की गहराई का महत्वपूर्ण होता है। ताकि वह अच्छी तरह से बढ़ सके ‌। ड्रैगन फ्रूट्स के पौधे को बोने का सबसे सामान तरीका काट कर बोया जा सकता है। इन पौधों को सही गहराई और उचित दूरी पर बोना जाना चाहिए। भूमि की तैयारी खेत अच्छी तरह से जुताई होना चाहिए। कीट पतंगों से मुक्त होना चाहिए। अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद और कंपोस्ट मिला लिया जाना चाहिए । ड्रैगन की खेती विशेष मिट्टी की आवश्यकता नहीं होती है। मिट्टी दोमट,रेतीली, किसी भी प्रकार की हो ड्रैगन की खेती की जा सकती है। अधिक धूप की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन छाया करना जरूरी है ताकि फलों की खेती सही ढंग से की जा सके।

ड्रैगन फल की खेती

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ड्रैगन की सिंचाई

वर्ष के मौसम में सिंचाई की आवश्यकता ड्रैगन फ्रूट्स के लिए आमतौर पर नहीं होती है। ठंड के मौसम में 15 दिन की अंतराल पर सिंचाई करने पर फायदेमंद होता है। गर्मी के मौसम में 8 दिन के अंतराल में पौधों के पर्याप्त पानी उपलब्ध कराया जा सकता है जिसे सुख नहीं सकते। खाद के रूप में काम गोबर और कंपोस्ट खाद लेनी चाहिए ।सिंचाई कम पानी की आवश्यकता होती है इस पौधे में फूल आने एवं फल विकास के समय तथा गर्म शुष्क मौसम में बार-बार सिंचाई की आवश्यकता होती है।

ड्रैगन फल की तुड़ाई

ड्रैगन फूड प्रथम वर्ष में फल लेना शुरू कर देता है। जून में फूल लगते हैं। जुलाई से दिसंबर तक में फल लगते हैं। एक महीने बाद फल तुड़ाई के लिए तैयार हो जाते हैं। इसकी ड्रैगन फ्रूट कच्चे फल हरे रंग के होते हैं। पकने के बाद लाल रंग में हो जाते हैं। फलों की तुड़ाई सही समय करनी चाहिए।फल में रंग परिवर्तन होने के तीन-चार दिनों बाद ही करना चाहिए फलों की तुड़ाई हाथ से की जानी चाहिए। ड्रैगन के तीन प्रकार के होते हैं सफेद गुदा, लाल गुदा। लाल गुदा वाला फल लाल रंग का होता है। सफेद गुदा वाला पीले रंग का फल होता है।

ड्रैगन फल की कीमत

यह फल खाने में स्वादिष्ट होता है इसके अलावा रोगों को ठीक करने की क्षमता रखता है। ड्रैगन फ्रूट का उपयोग ताजा फल के रूप में करने के साथ-साथ रस, जाम, आइसक्रीम के रूप में भी किया जाता है। अपने खेतों में फलों की खेती कर रहे जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा मिलता है। फल की कीमत भी ज्यादा है 200 से 250 रुपए प्रति किलो तक हो जाता है। ड्रैगन फ्रूट खेती करने वाले किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

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