आज के समय में किसान खेती पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान देना पसंद कर रहे हैं ऐसा इसीलिए क्योंकि अगर आपको जितनी ज्यादा जानकारी खेती के बारे में होती है उतना ही आपको उत्पादन प्राप्त होता है और आपका फायदा होता है। टेक्निकल जमाने में आज के समय में भी लोग अलग-अलग तरह की खेती करके अलग-अलग किस्म का उत्पादन करके अपनी किस्मत को आजमा रहे हैं। तो वही एक और यूपी के सभी किसान काले गेहूं की खेती करके तगड़ा मुनाफा कमा रहे हैं। किसानों का यह भी कहना है कि इस फसल से डबल नहीं बल्कि चौगुना मुनाफा प्राप्त होता है।
हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में कई फसलों की खेती के जरिए किसान जबरदस्त कमाई करते नजर आ रहे हैं। फसल चाहे रवि की हो या खरीफ की दोनों ही अच्छा उत्पादन देती है। इतना ही नहीं किसान खेती के अलावा सब्जियों की खेती करके भी अपनी आमदनी बढ़ते नजर आ रहे हैं। इसके साथ ही जनपद में काले गेहूं की खेती शुरू की जा चुकी है जो कि किसानों को बहुत बड़ा मुनाफा दे रही है। काले सोने को काला गेहूं कहा जाता है।
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काले गेहूं का मार्केट में दोगुना दाम
काले गेहूं की लगातार मांग बढ़ती हुई नजर आ रही है जिसके चलते इसके दाम भी बढ़ते नजर आ रहे हैं। जिले में काले गेहूं की डिमांड लगातार बढ़ रही है। काले गेहूं की किसानों को मुंह मांगी कीमत मिल रही है। किसानों का काले गेहूं की ओर आकर्षित होना भी एक कारण है क्योंकि इस गेहूं की मार्केट में बहुत ज्यादा डिमांड है। काले गेहूं की खेती आजमगढ़ के जीयनपुर ब्लॉक के किस व्यापक रूप से करते हैं। काले गेहूं में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं जिसके कारण यह बाजार में बहुत ही लोकप्रिय बना हुआ है। काले गेहूं को वैसे तो आमतौर पर ₹2000 प्रति क्विंटल बिकता है लेकिन वही इसको आसानी से ₹4000 प्रति क्विंटल तक बेचा जा सकता है।
काले गेहूं में औषधीय गुणों का वास
काले गेहूं में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। काले गेहूं में पिगमेंट की मात्रा बहुत ज्यादा पाई जाती है। वही कोटवा कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉक्टर अखिलेश का कहना है कि यह प्रतिरक्षा को बढ़ावा देता है। काले गेहूं को डायबिटीज कैंसर और हृदय से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा दिलाता है। कृषि वैज्ञानिक को ने बताया कि बायोफर्टिफाइड गेहूं ज्यादा पोषक तत्वों से भरा हुआ होता है।
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काले गेहूं की खेती का तरीका
काले गेहूं की खेती का एक सही समय होता है। काले गेहूं को अक्टूबर महीने से लेकर नवंबर महीने तक रवि के मौसम में इसकी बुवाई की जाती है। अन्य गेहूं के मुकाबले यह गेहूं चार गुना ज्यादा दामों में बेचा जाता है। काले गेहूं की खेती में लागत कम आती है। काले गेहूं की खेती अगर आप करते हैं तो इसके लिए पर्याप्त नमी की जरूरत पड़ती है।
सिंचाई की प्रक्रिया
काले गेहूं की बुवाई के बाद में आपको सिंचाई पर खास ध्यान देना होगा। 60 किलो डीपी, 30 किलो यूरिया, 20 किलो पोटाश और 10 किलो जिंक प्रति एकड़ में इस काले गेहूं की बुवाई करने से आपको उत्पादन बहुत तगड़ा मिलता है। काले गेहूं में पहली बार सिंचाई के दौरान लगभग 60 किलो यूरिया प्रति एकड़ डालना होता है। जहां पर काले गेहूं की सिंचाई किस दिन के बाद करनी होती है इसके बाद आपको समय-समय पर इस गेहूं में पानी डालते रहना चाहिए। गेहूं की बालियां निकलते समय सिंचाई करना बहुत जरूरी होता है।