इस लेख में किसान के जुगाड़ के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे वह खेत जोत रहा है, और लाखों रुपए बचा रहा है। जिससे अन्य किसानों को भी प्रेरणा मिल रही है, तो चलिए जानें कैसे जुगाड़ से खेत जोत रहा किसान।
सालाना लाखों रुपए की बचत
किसान अगर खेती में लागत को कम कर दे, तो मुनाफा बढ़ ही जाएगा। जिसमें आज हम जिस किसान के बात कर रहे हैं वह खेती जोताई की लागत को कम करने के लिए कमाल का जुगाड़ अपना रहे हैं, और अन्य किसानों को भी उसकी जानकारी देने दे रहे हैं। किसान का नाम हरेंद्र कुमार है और वह पूर्णिया जिले के रहने वाले हैं। किसान ने जुगाड़ से खेत जोतने का यंत्र बना दिया है। जिससे वह खाद भी डाल देते हैं।
खेत जोतने के लिए वह खरीदे गए किसी कंपनी के ट्रैक्टर का इस्तेमाल नहीं करते हैं, ना ही किसी तरह की मशीन किराए पर लेते हैं। जिससे लाखों रुपए बच जाते हैं। दरअसल, उन्होंने खुद से एक ट्रैक्टर बना लिया है, जिसे मिनी ट्रैक्टर का सकते हैं। चलिए आपको बताते हैं कैसे।
किसान ने खुद बनाया ट्रैक्टर
किसान ने ट्रैक्टर खरीदा नहीं बल्कि खुद बना लिया है. और यह कमाल का ट्रैक्टर है। आप तस्वीरों में देख पा रहे होंगे यह कबाड़ की तरह दिखाई दे रहा है, लेकिन ऐसा नहीं है। किसान ने अपने दिमाग का इस्तेमाल किया है। अपने ससुराल नेपाल से उन्होंने इंजन लाकर और जुगाड़ लगाकर, खुद छोटा सा ट्रैक्टर बना दिया। जिसे मिनी ट्रैक्टर आप कह सकते हैं। इससे वह खेत जोतते हैं चलिए आपको बताते हैं वह किस तरीके से खेती करते हैं।

फसल और खाद
यह किसान भाई भी अन्य किसानों की तरह ही खेती करते हैं। बस खेत की जुताई वह अपने जुगाड़ से बनाए गए कृषि यंत्र से कर रहे हैं। करीब 4 एकड़ की जमीन में वह विभिन्न प्रकार की फसलों की खेती करते हैं। खेत जुताई करने के बाद मौसम के अनुसार सब्जी या अनाज की खेती करते हैं। लेकिन यहां पर खेत जोतने में आने वाले खर्च को वह बचा रहे हैं।
पहले के इस समय में बैल के द्वारा खेत जोता जाता था, जो की बहुत मेहनत का काम था। आज के समय ट्रैक्टर का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन उसके लिए किसानों को पैसे खर्च करने पड़ते हैं। लेकिन इस किसान ने गजब का दिमाग लगाया है, और खुद अट्रैक्टर बनाकर खेत जोत रहे हैं। 1 लीटर डीजल वह लगाते हैं और एक एकड़ की जमीन में करीब 60 मिनट में खेत की जुताई कर लेते हैं। इस तरह किसान अगर दिमाग लगा ले तो जुगाड़ के द्वारा खेती में आने वाली लागत को कम कर सकते हैं।