किसानों को मिल रहे डीकंपोजर कैप्सूल, पराली जलाएं नहीं ये कैप्सूल डाले खाद बन जायेगी पराली, मिट्टी उपजाऊ होगी। जिससे फसल से उपज ज्यादा मिलेगी। तब चलिए जानते है पराली जलाने के नुकसान, इस डीकंपोजर कैप्सूल का इस्तेमाल और कहाँ मिलेगी यह डीकंपोजर कैप्सूल।
पराली जलाने के नुकसान
धान की कटाई के बाद खेतों में जो पराली, भूसा, अवशिष्ट पदार्थ निकलता है, उसे कई किसान जला देते हैं जिससे कई तरह के नुकसान होते हैं पहला नुकसान तो खुद किसान को होता है इससे फेफड़ों से जुड़ी समस्या आती है, सांस लेने में दिक्कत होती है। दूसरा नुकसान जमीन को होता है, जमीन खराब होती है, मिट्टी खराब होती है, जिससे पैदावार घटती जाती है।
तीसरा नुकसान पर्यावरण को होता है, पर्यावरण में वायु प्रदूषण होता है। इसीलिए सरकार किसानों को यह कह रही है कि खेतों में पराली ना जलाएं बल्कि किसान भाई इस पराली का इस्तेमाल करके पैदावार बढ़ा सकते हैं, कमाई कर सकते हैं। चलिए बताते हैं कैसे।
डीकंपोजर कैप्सूल से पराली बनेगी खाद
किसान किसान अगर चाहे तो उसे पराली से खाद बना सकते हैं। जिसके लिए सरकार डीकंपोजर कैप्सूल दे रही है और उससे पराली 4 से 5 दिन के भीतर ही खाद बन जाएगी। इसके लिए क्या करना है कि डीकंपोजर कैप्सूल लेना है एक एकड़ के लिए 5 ग्राम लिक्विड डी कंपोजर की आवश्यकता होती है। जिसे 200 लीटर पानी में 2 किलो गुड़ के साथ अच्छे से मिलाकर छिड़क दिया जाता है। फिर 4 से 5 दिन तक इंतजार करना है। अब देखेंगे कि पूरी पराली नष्ट हो चुकी होगी। फिर ना ही आपको उसे इकट्ठा करने और ना ही जलाने की आवश्यकता पड़ेगी। फिर आप हल्की सिंचाई करके खेत की जुताई कर सकते हैं।
किसानों को दिए जाएंगे डीकंपोजर कैप्सूल
किसान पराली ना जलाकर डी कंपोजर का इस्तेमाल करके उससे खाद बनाएं। इसके लिए कृषि विभाग बता दे की सुल्तानपुर जिले के सभी कृषि गोदाम में किसानों को डी कंपोजर मुफ्त में दिया जा रहा है और इससे जैविक खाद बनाने के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया जा रहा है। यहां पर किसान को कुछ नहीं करना है बस कैप्सूल की मदद से पराली को जलाना है।