केले की खेती के लिए 60 हजार रु दे रही केंद्र सरकार, 1 हेक्टेयर से होगी 7 लाख से ज्यादा होगी कमाई, जानिये कैसे।
केले की खेती के लिए अनुदान
केला की खेती करके कम जमीन और निवेश में लाखों में कमाई की जा सकती है। केला की खेती देश के कई किसान कर रहे हैं और इसमें उन्हें फायदा है। जिसके वजह से सरकार भी केला की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। आपको बता दे की केला की खेती करने के लिए सरकार अच्छी खासी सब्सिडी दे रही है। जिससे किसानों की आधी से ज्यादा मदद हो जाएगी, और केले की खेती में खर्च को लेकर किसी तरह की समस्या नहीं आएगी। केले की बागवानी पर अनुदान देने वाली योजना का नाम एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना है। चलिए इस योजना के बारे में जानते हैं।
एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना
एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना केंद्र सरकार की लाभकारी योजना है। जिसके अंतर्गत केले की बागवानी करने पर अनुदान दिया जा रहा है। जिसमें प्रति हेक्टेयर केले की बागवानी पर किसानों को 50% का लाभ मिलेगा यानी की 50% की सब्सिडी मिलेगी। आधा खर्चा केले की खेती के लिए सरकार देगी। यहां पर एक हेक्टेयर में अगर किसान केला की खेती करते हैं तो इसमें आने वाली लागत की बात की जाए तो पौधा, उर्वरक, सिंचाई सहित 1.20 लाख रुपए का खर्च आता है। जिसमें ₹60000 सरकार की तरफ से सब्सिडी मिलेगी।
यह पैसा सरकार 2 वर्षों में देती है। 16 महीने में आपके केले की फसल तैयार हो जाएगी। जिसमें एक पौधे से ढाई सौ रुपए के केला आराम से निकल आते हैं। इस हिसाब से अगर 3000 पौधे तैयार होते हैं तो 7 लाख 50 हजार की कमाई की जा सकती है। चलिए जानते हैं इस योजना के लिए आवेदन कैसे करना है।
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पात्रता
- सभी किसान लाभ ले सकते है।
- पंजीकृत समितियां।
- राज्य सरकारें भी इस योजना के लिए पात्र मानी गई है।
आवश्यक दस्तावेज़
- भूमि के कागज़
- आधार कार्ड
- बैंक विवरण
- आवेदक की फोटो
- जाति प्रमाण पत्र
आवेदन की प्रक्रिया
- इस योजना का लाभ लेने के लिए ऑफलाइन आवेदन कर सकते है।
- जिसमें जिला बागवानी अधिकारी / ब्लॉक बागवानी अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।
- जिला बागवानी अधिकारी या आपके ब्लॉक बागवानी अधिकारी आवेदक किसान का विवरण और परियोजना योजना राज्य बागवानी मिशन को प्रस्तुत करेंगे।
- फिर राज्य बागवानी मिशन को जो आवेदन जिला बागवानी मिशन से मिलेंगे, उन उद्यमियों के प्रस्तावों को अंतिम रूप दिया जाएगा।
- यहाँ पर आवेदक के प्रस्ताव की जांच MIDH के दिशानिर्देशों के आधार पर करेंगे।
- जहाँ पर अगर दस्तावेज सही पाए गए तो किसान को वित्तीय सहायता मिलेगी।