नए और गरीब किसान जनवरी-फरवरी में करें इस सब्जी की खेती, 35 दिन में पैसो की झमाझम बारिश होगी, लागत आएगी कम

किसान अगर कम लागत में खेती से अधिक कमाई करना चाहते हैं तो चलिए आपको एक ऐसी सब्जी की खेती के बारे में जानकारी देते हैं जिसे जनवरी के आखिरी सप्ताह या फरवरी की शुरुआत में किस लगा सकते हैं-

कम लागत वाली सब्जी की खेती

सब्जी की खेती करके अधिक कमाई करना चाहते हैं तो यहां पर हम उन किसानों के लिए जानकारी लेकर आए हैं जो कि खर्चा कम कर पाते हैं तो वह किसान कम खर्चे में, कम समय में, अधिक कमाई कर सकते हैं। इस सब्जी की खेती में किसान को एक फायदा यह भी है कि अगर वह खेती में नए है तो भी अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। इस सब्जी की खेती के लिए बहुत ज्यादा अनुभव की जरूरत नहीं है और लागत भी कम आएगी। समय भी कम लगेगा। दरअसल हम देशी काचरी की खेती की बात कर रहे हैं।

यहां पर किसान देशी काचरी की खेती करके 35 दिन के भीतर अच्छी कमाई कर सकते हैं। आपको बता दें कि देशी काचरी की कीमत 20 से लेकर ₹50 तक मिल जाती है। लेकिन अलग-अलग मंडियों में कीमत अलग रहती है। इसके लिए आपको अपने क्षेत्र में पता करना पड़ेगा कि आपके यहां मंडी में कीमत कितनी है। कहीं पर ₹15 भी चली जाती है, लेकिन कुछ जगहों पर 50 ₹40 किलो काचरी बिकती है। चलिए आपको इस सब्जी की खेती कैसे करनी है, खर्चा क्या-कैसे-आएगा इसके बारे में जानते हैं।

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देशी काचरी की खेती

देशी काचरी की खेती किसान जनवरी के आखिरी सप्ताह या फरवरी में कर सकते हैं, यह अगेती खेती होगी, जिससे किसानों को कमाई अधिक होगी, खर्च कम आएगा। क्योंकि इसके बीज 300 से ₹400 में मिल जाएंगे और गोबर की खाद से भी अच्छी पैदावार मिल जाएगी। किसान चाहे तो बेसल डोज में डीएपी, यूरिया जैसी खाद डाल सकते हैं। लेकिन अगर उनकी जमीन उपजाऊ नहीं है तो इन सब खाद का इस्तेमाल करें, नहीं तो दो ट्रॉली गोबर खाद डालें इससे भी अच्छी पैदावार किसानों को मिलेगी। चलिए नीचे लिखे बिंदु के अनुसार जानते हैं देशी काचरी की खेती कैसे की जाती है-

  • देशी काचरी की खेती के लिए पहले खेत तैयार कर ले। उसके बाद चार या पांच फीट की दूरी में बेड बनाये।
  • एक डेढ़ फीट की दूरी में बीजों की बुवाई करें, एक घंटे में दो से तीन बीज लगाए, ताकि किसानों को हर एक गड्ढे से एक पौधा जरूर मिले।
  • प्लास्टिक मल्च में अगर किसान खर्च करना चाहते हैं तो लगा सकते हैं नहीं तो इसके बिना भी खेती कर सकते हैं। लेकिन खरपतवार समय-समय पर निकालना होगा।
  • देशी काचरी की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी बढ़िया होती है, जिसका पीएच मान 5.5 से 4.5 के बीच हो।

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