जैविक खेती से किसानों को होंगे हजारों फायदे, कम लागत में करें मुनाफे वाली खेती, जानें जैविक खेती के बारें संपूर्ण जानकारी

जैविक खेती से किसानों कई फायदे है। चलिए इस लेख में जानें जैविक कृषि के लाभ, प्रकार, और खेती का तरीका।

जैविक खेती

जैविक खेती भारत की देन हैं लेकिन ब्रिटिश वनस्पतिशास्त्री सर अल्बर्ट हॉवर्ड को अक्सर आधुनिक जैविक कृषि का जनक कहा जाता है। जैविक कृषि की चर्चा इस समय जोरों से हो रही है और सरकार किसानों को जैविक खेती करने के लिए पैसे भी दे रही है। जैविक खेती में किसानों को कम खर्चे में खेती करने का मौका मिलता है और इससे अधिक मुनाफा के साथ सेहत भी बनती है। तो इसलिए आज हम इस लेख में जानते हैं कि जैविक खेती के लाभ क्या है, इसे कैसे करते हैं, अधिक पैदावार लेने के लिए कौन सी खाद डालें, और जैविक खेती करने के लिए कितने राज्य सरकारों द्वारा पैसे दिए जा रहे हैं।

जैविक कृषि के लाभ

नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार जानिए जैविक खेती से होने वाले लाभ।

  • सबसे पहला लाभ तो किसान को यह होता है कि जो उन्हें अनाज मिलता है वह सेहतमंद रहता है, रसायन मुक्त रहता है, वह शुद्ध भोजन रहता है। जिसकी वजह से उसके सेवन से बीमारियां नहीं होती है सेहत के लिए लाभकारी होता है।
  • दूसरे फायदे की बात करें जो मिट्टी को लाभ होता है। जैविक खेती करने से मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होता है। मिट्टी में जल धारण करने की क्षमता बढ़ जाती है। मिट्टी से पानी का वाष्पीकरण कम होता है मिट्टी उपजाऊ होती है।
  • जैविक कृषि करके किसान कचरे का प्रबंध भी कर सकते हैं। पराली से खाद बना सकते हैं। सब्जी फल के छिलके से भी खाद बना सकते हैं। गोबर से भी खाद बना सकते हैं।
  • जैविक कृषि में किसानों के अच्छी आमदनी भी होगी, खर्चा कम आएगा, रासायनिक खाद पर निर्भरता कम हो जाएगी, डीएपी के लिए का दुकानों के बाहर लंबी लाइन नहीं लगानी पड़ेगी।
  • जैविक कृषि करने से पर्यावरण में प्रदूषण नहीं फैलेगा। जैव विविधता को फायदा होगा। जल और मिट्टी से होने वाला प्रदूषण कम हो जाएगा। कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा कम होगी। मिट्टी में कार्बन तत्वों की मात्रा कम होगी। जैविक खेती से पेट्रोलियम आधारित उर्वरकों का उपयोग नहीं होगा।

जैविक खेती में पैदावार और कमाई

जैविक कृषि, रासायनिक खेती से बेहतर है। यह सरकार और पूरा विश्व मान रहा है। लेकिन कमाई अधिक हो इसलिए बीते कुछ सालों से कई किसान रासायनिक खेती करने लगे हैं। लेकिन बता दे की रासायनिक खेती के बराबर या उससे अधिक भी जैविक खेती से उत्पादन/पैदावार लिया जा सकता है और जैविक कृषि में किसानों को खर्च भी कम आएगा। तो अगर पूरा हिसाब किसान लगाए तो रासायनिक खेती से कम कमाई या फायदा नहीं है। जैविक कृषि अगर किसान वर्षा पर आधारित करते हैं तो उसमें भी फायदा है। इसके अलावा आपको बता दे कि अंतरराष्ट्रीय बाजार से अगर स्पर्धा की जाए तो जैविक उत्पादक की अधिक कीमत किसानों को मिलती है।

आजकल लोग सेहत के प्रति बहुत ही ज्यादा जागरूक हो गए है। पर्यावरण प्रदूषण और फैलती बीमारियों को देखते हुए लोग बिना रासायनिक खाद का इस्तेमाल किए तैयार की किए गए उत्पाद का सेवन करना चाहते हैं। जिससे वह स्वस्थ रहें और उसकी अच्छी कीमत देने को तैयार है। इसीलिए जैविक उत्पाद से किसानों को अधिक कमाई होगी और उत्पादन भी बढ़िया मिलेगा। बस कुछ समय किसानों को संयम रखना होगा। इसीलिए तो सरकार किसान की आर्थिक मदद भी कर रही है।

जैविक खाद की सूची

नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार जानिए अगर आप जैविक खेती करना चाहते हैं तो कौन सी जैविक खाद का इस्तेमाल कर सकते हैं।

  • हरी खाद
  • नाडेप
  • वर्मी कम्पोस्ट
  • गोबर की खाद
  • बायोगैस स्लरी
  • नाडेप फास्फो कम्पोस्ट
  • जैव उर्वरक
  • मुर्गी का खाद
  • पिट कम्पोस्ट आदि।

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जैविक खेती के प्रकार

नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार जैविक खेती दोनो प्रकार के बारें में जानिये।

  1. जैविक कृषि का एक प्रकार ‘शुद्ध जैविक खेती’ है। जिसमें अप्राकृतिक रसायनों से दूरी रखी जाती है उनका इस्तेमाल नहीं किया जाता है। इसमें खाद और कीटनाशक दब कुछ प्राकृतिक रूप से बनाते है। तभी तो इसे शुद्ध खेती कहते है। इसमें खर्चा कम और फायदा ज्यादा है। नुकसान कहीं से नहीं है।
  2. इसके आलावा दूसरा प्रकार ‘एकीकृत जैविक खेती है। जिसमें पारिस्थितिक मानकों और आर्थिक मांगों को पूरा करने के लिए पोषक तत्व प्रबंधन के साथ कीट प्रबंधन के प्रति एकीकृत दृष्टिकोण रखते है।

जैविक खेती कैसे करते है

नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार जानिए जैविक खेती कैसे करते है।

  • जैविक कृषि में अधिक पैदावार लेने के लिए किसान गोबर की खाद, वर्मी कंपोस्ट, केंचुआ खाद का इस्तेमाल करते हैं।
  • जैविक कृषि बिना किसी खर्चे के करने के लिए पशुपालन जरूर करें, उनसे गोबर, गोमूत्र मिल जाएगा।
  • जैविक कृषि अगर किसान करना चाहते हैं तो सबसे पहले इस बात का ध्यान रखें कि इस खेती में किसी तरह के रासायनिक खाद, कीटनाशक, सिंथेटिक उर्वरक, जीएमओ का इस्तेमाल नहीं करते हैं।
  • जैविक कृषि में हरी खाद का इस्तेमाल अधिक किया जाता है।
  • जैविक कृषि अगर लगातार 3 साल करेंगे तो आने वाले समय में अधिक पैदावार मिलेगी। यानी कि धीरे-धीरे पैदावार बढ़ती जाएगी।
  • जैविक कृषि में कीट और अन्य रोग बीमारियों से निपटने के लिए गोमूत्र, नीम के उत्पाद, छांछ, मिर्च लहसुन, लकड़ी की राख, ट्राइकोडर्मा से बीज उपचार आदि अपना सकते हैं।

जैविक खेती करने पर सरकार दे रही पैसा

जैविक कृषि में किसानों को कई फायदे हैं, यह देखते हुए सरकार भी प्रोत्साहित कर रही है। जिसके लिए आपको बता दे कि केंद्र से लेकर कई राज्य सरकार भी जैविक खेती के लिए अनुदान दे रही है। केंद्र सरकार ने अभी हाल ही में किसानों के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं। इसके आलावा एमपी, राजस्थान, बिहार और महाराष्ट्र में भी जैविक खेती से जुडी योजनाएं चल रही है।

  • राजस्थान जैविक खाद बनाने पर मिलेंगे ₹10000– राजस्थान के किसानों को अभी जैविक खेती करने पर सरकार ₹10000 दे रही है। जी हां आपको बता दे की राजस्थान के किसान अगर जैविक खाद बनाते हैं तो उन्हें ₹10000 मिलेंगे। इसके लिए उन्हें गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना के अंतर्गत आवेदन करना होगा। दरअसल किसानों को गोवर्धन जैविक योजना के अंतर्गत वर्मी कंपोस्ट यूनिट लगानी होगी। जिसमें वह जैविक खाद बनाएंगे तब उन्हें ₹10000 राज्य सरकार देगी। यह खाद सिर्फ गाय के गोबर से बनाई जाएगी तभी उन्हें लाभ मिलेगा।
  • मध्य प्रदेश में जैविक कृषि को लेकर अनुदान दिया जा रहा है। जिसमें 5 – 5000 रु किसानों को जैविक खेती करने पर आर्थिक मदद कर रही है। सरकार 3 सालों तक किसानों को जैविक खेती के लिए आर्थिक मदद देगी। लेकिन सरकार पूरी निगरानी रखेगी और किसानों को जैविक खेती से तैयार अनाज की बिक्री करने के लिए भी सुविधा देगी। परंपरागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत मध्य प्रदेश सरकार जैविक खेती को प्रोत्साहन दे रही है। यहां पर किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा की उपज की बिक्री और प्रबंधन कैसे करें।
  • बिहार में जैविक खेती पर अनुदान- जैविक कृषि को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार 6500 प्रति एकड़ किसानों को अनुदान दे रही है। इस योजना के अंतर्गत 2.5 एकड़ तक के क्षेत्रफल में अगर किसान जैविक खेती करते हैं तो उन्हें 16250 मिलेंगे।

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नमस्ते, मैं निकिता सिंह । मैं 3 साल से पत्रकारिता कर रही हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी तरो ताजा खबरें बताउंगी। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप https://khetitalks.com के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद