गेहूं की कटाई के बाद बची पराली को जलाने की बजाय करें ऐसे इस्तेमाल, होंगे कई सारे लाभ। गेहूं की खेती के बाद इसकी कटाई के बाद पराली यानि की खेती के बचे हुए अवशेष बच जाते है। अब ऐसे में गेहूं की कटाई के बाद में पराली को जलाने से पर्यावरण को बहुत ज्यादा नुकसान होता है, जिसके कारण इसे सही तरह से इस्तेमाल किया जाता है तो यह बहुत लाभदायक साबित होता है। किसानों को कैसे इस पराली का इस्तेमाल करना होता है इसके बारे में हम आपको विस्तार से बताते है।
जैविक खाद और कंपोस्ट तैयार करना
गेहूं की पराली को सड़ा करके जैविक खाद तैयार कर सकते है, इससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ जाती है और रासायनिक खादों की आवश्यकता बहुत ही कम पड़ती है। इस प्रकार आप पराली का इस्तेमाल किया जा सकता है।
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पशुओं के चारे के रूप में करे इस्तेमाल
गेहूं की पराली को अच्छे से छोटे-छोटे टुकड़ों में काट करके पशुओ को चारे के रूप में दे सकते है। पराली पशुओं के लिए बहुत ही सस्ता और पोषणयुक्त चारा कहलाता है। इसको आप पशुओं के चारे के रूप में इस्तेमाल कर सकते है।
मल्चिंग के लिए उपयोग
गेहूं की पराली को खेत में बिखेरकर मिट्टी की नमी बनाए रखने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है, इससे सिंचाई की जरूरत बहुत ही कम पड़ती है और खरपतवार नियंत्रण में बहुत ज्यादा मदद मिलती है।
मशरूम की खेती में इस्तेमाल
गेहूं की पराली का इस्तेमाल आप मशरूम खेती करने के लिए भी इस्तेमाल में लाया जाने वाला एक जबरदस्त उपाय है। मशरूम को उगाने के लिए आप इस पराली का इस्तेमाल कर सकते है।
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