फ्री में मिट्टी की जाँच करवाकर जान सकते हैं कि खेत की मिट्टी कैसी है और किस खाद को डालने से उत्पादन बढ़ेगा।
खेत की मिट्टी की जांच करवाने का फायदा
किसान अच्छी उपज पाने के लिए खेतों में कई तरह की खाद डालते हैं, लेकिन अगर किसानों को पता हो कि खेत की मिट्टी को किस खाद की जरूरत है, किन पोषक तत्वों की कमी है, तो वह खाद डालकर उपज बढ़ाई जा सकती है। इसीलिए मिट्टी की जांच जरूरी है।
मिट्टी की जांच करवाकर फसल की पैदावार बढ़ाई जा सकती है, उचित खाद का इस्तेमाल किया जा सकता है। मिट्टी की जांच करवाकर पता चलेगा कि मिट्टी में किन पोषक तत्वों की कमी है और किन की अधिकता, जिसके लिए सॉइल हेल्थ कार्ड बनवाया जा सकता है, इसे सभी राज्यों में जारी किया गया है।
फ्री में मिट्टी की जाँच कैसे होगी?
मिट्टी की मुफ्त जांच करवाने के लिए आप मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनवा सकते हैं, जिसके लिए आपको अपने खेत की मिट्टी लेनी होगी जहां फसल लगाते हैं और उसे एक पैकेट में भरना होगा। इस पैकेट में एक फार्म भी भरकर डाल दें। यह फ़ार्म मृदा स्वास्थ्य कार्ड के लिए ऑनलाइन पोर्टल से निकाल सकते हैं और उसमें मांगी गई जानकारी सही-सही भरकर मिट्टी जांच केंद्र में जमा कर सकते हैं. आइए आपको बताते हैं कि इस फॉर्म में क्या-क्या जानकारी भरनी होती है-

- सबसे पहले खेत के मालिक का नाम, साथ ही उनके पिता का नाम भरना होता है।
- मोबाइल नंबर, आवेदक के गांव का नाम और विकासखंड व जिले का नाम भरना होता है.
- इसके अलावा जाति भी भरनी होती है कि वह किस जाति से ताल्लुक रखते है.
- खेत का खसरा नंबर भी भरना होता है.
- अगर खेत की जीपीएस रीडिंग है तो वह भी भरी जा सकती है.
- खेत की मिट्टी का रंग कैसा है, कितने हेक्टेयर जमीन है, आपने खरीफ, रबी और जज सीजन में उस जमीन पर कौन सी फसल लगाई थी? आने वाले समय में कौन सी फसल लगाने वाले हैं?, यह सब भी लिखना होता है।
- इसके साथ ही आप सिंचाई कैसे करते हैं, आपके पास क्या साधन हैं, आपको यह सारी जानकारी भरनी होगी।
- इसके बाद मिट्टी और इस फार्म को मृदा परीक्षण केंद्र में जमा करना होगा। फिर आपको मिट्टी की जाँच रिपोर्ट मिल जाएगी।
यह फॉर्म किसान कल्याण एवं कृषि विभाग का है, जो आपके जिले के कृषि विभाग के नाम के साथ मिलता है।