इस लेख में आपको खेती की लागत को कम करने के तरीके के बारे में बताया गया है, जिससे किसान द्वारा मिली जानकारी के अनुसार जानिए कैसे खाद, कीटनाशक, सूक्ष्म पोषक तत्व घर पर बना सकते हैं-
ना खाद ना कीटनाशक कुछ नहीं खरीदना किसान
अच्छा उत्पादन लेने के लिए लंबे समय से किसान खेत में खाद डालते हैं। कीटों से फसल को बचाने के लिए कीटनाशक का इस्तेमाल करते हैं। आजकल सूक्ष्म पोषक तत्व का भी इस्तेमाल बढ़ गया है। ऐसे में खेती में आने वाली लागत बढ़ जाती है। साथ ही साथ रासायनिक खाद, कीटनाशक का इस्तेमाल करने से खेत की मिट्टी खराब होती है, पर्यावरण में प्रदूषण होता है, और वह अनाज सब्जी फल सेहत के लिए बहुत ही ज्यादा हानिकारक होता है, बीमारियां फैलती है।
यही सब देखते हुए किसान रतनलाल डागा करीब 60 एकड़ की जमीन में जैविक खेती करते हैं। यानी कि बड़े पैमाने पर कम खर्चे में खेती करें तो चलिए जानते हैं कैसे।

खाद कैसे बनाते हैं
वह जैविक खाद का इस्तेमाल करते हैं। जिसके लिए कोई भी चीज खरीदनी नहीं है। बल्कि दही का इस्तेमाल करके वह खाद बनाते हैं। जिसके लिए दही को 10 से 12 दिन तक तांबे के बर्तन में रखते हैं और लकड़ी की मदद से हर दिन एक बार दिला देते हैं। इसके बाद अंत में ऊपर एक हरी परत जम जाती है जिसे हटाकर इस्तेमाल करते हैं। जिसके लिए 6 लीटर एक एकड़ में छिड़का जाता है, दही में जो बैक्टीरिया होते हैं वह कार्बनिक पदार्थ को तोड़ते हैं। पौधे के पोषक तत्व तैयार करते हैं जिससे उत्पादन अधिक मिलता है, और जमीन उपजाऊ होती है।
जैविक कीटनाशक कैसे बनाते हैं
जैविक खाद की तरह ही वह कीटनाशक भी घर पर तैयार करते हैं। जैविक कीटनाशक बनाने के लिए वह विभिन्न प्रकार की पत्तियों का इस्तेमाल करते हैं। जैसे कि नीम की पत्ती, धतूरा की पत्ती, सहजन और ग्वार पाठा, एलोवेरा की पत्तियों के साथ सीताफल, सोनामुखी की पत्तियों का इस्तेमाल करते हैं। जिसमें रस चषक कीट और इल्ली मारने के लिए दवाई तैयार करते हैं।
रस चूचक कीटों के लिए नीम, धतूरा, करंज, बौगैनवेरिया, सोनामुखी, सीताफल की पत्तियों को पानी में मिलाकर उनका रस अलग करते हैं और फिर दोष लीटर पानी में दो किलो पत्तियों का रस मिलाकर छिड़कते हैं इसके अलावा सोनामुखी और नीम की पत्ती के साथ गोमूत्र मिलाकर अर्क निकालते हैं और उसे भी पानी में मिलाकर छिड़कते हैं।
कीटनाशक के लिए छाछ का भी इस्तेमाल करते हैं। जिसमें इल्ली मारी जा सकती है। इसके लिए लहसुन, मिर्च का रस, अदरक का रस और नीम की पत्तियों का रस निकाला जाता है। इसे छाछ में मिलाकर खट्टा होने पर छिड़का जाता है। इससे फसल अच्छी होती है। आप सब्जी या अन्य फसलों में इसका छिड़काव कर सकते हैं।
जैविक कीटनाशक का काम करेगा। किसी तरह का नुकसान नहीं होता। बस कीटनाशक का छिड़काव सुबह या शाम के समय करेंगे तो बेहतर होगा। जैविक खेती में गोबर की खाद, वर्मी कंपोस्ट, लकड़ी उपला की राख, घर से निकलने वाले सब्जी फल के छिलके, बगीचे की पत्तियां आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके आलावा पराली से भी खाद बनाई जा सकती है।