आम की पैदावार और गुणवत्ता बढ़ाने के जबरदस्त उपाय, अपनाए यह धांसू फार्मूला। आम के पेड़ों की देखभाल करने से उनकी पैदावार और गुणवत्ता दोनों में सुधार होता है। नीचे आम के पेड़ों की बेहतर देखभाल के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं। आम के पेड़ो को लेकर इन सावधानियों के बारे में ध्यान रखना होता है। आइए इसके बारे में विस्तार से बताते है।
सिंचाई
शुरुआती 2-3 साल तक नियमित सिंचाई करें। बड़े पेड़ों में गर्मियों में 15-20 दिन में एक बार सिंचाई करें। बौर आने के समय (फरवरी-मार्च) सिंचाई न करें, इससे फूल झड़ सकते हैं।
खाद और उर्वरक
3 साल तक आपको प्रति पेड़ 10-15 किग्रा गोबर की खाद + 200 ग्राम नाइट्रोजन + 100 ग्राम फास्फोरस + 100 ग्राम पोटाश। 5 साल और उसके बाद: प्रति पेड़ 40-50 किग्रा गोबर की खाद + 500 ग्राम नाइट्रोजन + 250 ग्राम फास्फोरस + 250 ग्राम पोटाश। खाद और उर्वरक को वर्षा ऋतु से पहले (जून-जुलाई) और दूसरी खुराक फरवरी-मार्च में दें।
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छंटाई
सूखी, रोगग्रस्त और आपस में रगड़ने वाली शाखाओं को काट दें। बौर आने के बाद हल्की छंटाई करें ताकि पेड़ में हवा और धूप का संचार बना रहे।
रोग और कीट नियंत्रण
मिलिबग, फल मक्खी, तना छेदक: नीम का तेल या इमिडाक्लोप्रिड का छिड़काव करें। पाउडरी मिल्ड्यू और एन्थ्रेक्नोज बोर्डो मिक्सचर या कार्बेन्डाजिम का छिड़काव करें। पेड़ों के चारों ओर गड्ढों में ग्रीस बैंड लगाएं ताकि कीट ऊपर न चढ़ें।
मल्चिंग
पेड़ों के नीचे गोबर की खाद, सूखी पत्तियों या भूसे की परत बिछाएं ताकि नमी बनी रहे और खरपतवार न उगें।
फूल और फल झड़ने से बचाव
बौर के समय NAA (नाफथलीनिक एसिड) 20-25 PPM का छिड़काव करें। जैविक टॉनिक या सूक्ष्म पोषक तत्वों का भी स्प्रे करें।
अन्य टिप्स
आम के बाग में समय-समय पर अंतरवर्ती फसलें जैसे दलहन या सब्जियां उगाई जा सकती हैं। गर्मी के मौसम में पेड़ों को सफेद चुना लगाएं ताकि तने गर्मी से सुरक्षित रहें।
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