गोपालन को इस योजना से कमाई का मिलेगा बढ़िया जरिया। चलिए जानते हैं गोपालन विभाग की कमाल की योजना के बारे में-
गोपालन को को कमाई का मिला जरिया
गोपालक गाय के दूध से बने प्रोडक्ट से कमाई तो कर ही लेते हैं। लेकिन आज हम बात कर रहे हैं गाय के गोबर की जहां गाय के गोबर से भी अच्छी खासी कमाई की जा सकती है। गोपालन विभाग ने गोपालको को कमाई का एक बढ़िया जरिया देने का ऐलान किया है। जी हां आपको बता दे की गौशाला से निकलने वाले गोबर की लकड़ी बनाकर भी अच्छी खासी कमाई की जा सकती है। गोबर से लकड़ी बनाने की मशीन की चिंता करने की जरूरत नहीं है। क्योंकि राज्य सरकार गोपालको पांच मशीन देने जा रही है।
इस योजना के अंतर्गत गोपालको बड़ा लाभ होने वाला है। दूध के साथ-साथ अब वह गाय के गोबर से भी कमाई कर सकते हैं। इसके अलावा पर्यावरण का भी संरक्षण हो जाएगा। पेड़ की लकड़ी के बजाए गाय के गोबर से बनी लकड़ी का इस्तेमाल करेंगे। इससे पर्यावरण प्रदूषण भी नहीं होगा और पेड़ पौधों का संरक्षण भी होगा। इसके अलावा ग्राहकों को भी फायदा होगा। गाय के गोबर से बनी लकड़ी, पेड़ की लकड़ी से उन्हें सस्ती पड़ेगी। गाय के गोबर से बनी लकड़ी का इस्तेमाल खाना बनाने के लिए, अंतिम संस्कार के लिए, पूजा-पाठ के लिए आग तापने के लिए कर सकते हैं।
गोकाष्ट बनाने वाली मशीन
गोकाष्ट बनाने वाली मशीन गोपालन विभाग राजस्थान द्वारा पशुपालकों को दी जाएगी। यह मशीन गोपालको दी जाएगी। इस मशीन के द्वारा एक दिन में 10 क्विंटल तक गोबर की गोकाष्ट बना सकते हैं। इससे 4 से 5 फीट लंबी गोकाष्ट बनती है। इस मशीन में गोबर डाला जाता है और गोबर की लकड़ी बाहर निकलती है। जिसे सुखाकर इस्तेमाल किया जाता है। राजस्थान की गौशालाओं को गोबर से लकड़ी बनाने के लिए पांच मशीन दी जाएगी। जिसके लिए गोपालन विभाग ने 100 आवेदन मांगे हैं यह लाभ उन्हें पहले आओ पहले पाओ के आधार पर दिया जाएगा। चलिए जानते हैं पात्रता क्या है।
किसे मिलेंगे गोकाष्ट बनाने की 5 मशीने
गोपालन करने वाली गौशालाओं को यह मशीन दी जाएगी। इसके लिए उन्हें आवेदन करना पड़ेगा इस योजना का लाभ उन गौशालाओं को मिलेगा जिनके पास 600 गाय हैं। यानी कि अगर आप एक गोपालक है और 600 से अधिक या 600 गौ-माता का पालन करते हैं तो आप इस योजना का लाभ उठाकर अपनी कमाई के जरिया को बढ़ा सकते हैं।