गर्मियों के मौसम में पौधों को खास देखभाल की जरूरत होती है क्योकि तेज धूप की गर्मी से पौधे सूखने और मुरझाने लगते है तो चलिए पौधों की देखभाल के बारे में विस्तार से जानते है।
गर्मियों में पौधों की ऐसे करें देखभाल
अप्रैल का महीना कुछ ही दिनों में शुरू हो जाएगा और गर्मी भी बढ़ जाएगी ऐसे में पेड़ पौधों को गर्मी से बचाने के लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना पड़ेगा जिससे आपके घर के बगीचे बालकनी या छत में लगे पेड़ पौधे मुरझाएंगे और सूखेंगे नहीं। आज हम आपको कुछ ऐसी खास के बारे में भी बता रहे है जो पेड़ पौधों को हरा भरा रखती है और फूल, फल, सब्जियों की पैदावार को भी बढ़ाती है तो चलिए जानते है पौधों की देखभाल कैसे करनी है और कौन सी खाद देनी है।

1. छाया
गर्मियों के मौसम में पौधों को तेज धूप से बचाने के लिए छांव वाली जगह में रखना बहुत जरुरी है पौधों को ऐसी जगह रखे जहां सुबह की धूप कुछ देर के लिए आती हो। आप पौधों को धूप से बचाने के लिए ग्रीन शेड नेट का उपयोग भी कर सकते है या जालीदार पर्दा भी लगा सकते है। ऐसा करने से पौधे नहीं मुरझाएंगे।
2. पानी
गर्मियों के दिनों में पौधों को सुबह शाम दोनों टाइम नियमित रूप से पानी देना चाहिए और मिट्टी में नमी बनाये रखना चहिए लेकिन इस बात का खास ध्यान रखे की गमले में पानी जमा होए क्योकि पानी जमा होगा तो पौधे की जेड गलने लगेगी। इसलिए पानी की मात्रा पौधों की जरूरत के अनुसार ही दें। इसके अलावा पौधे की मिट्टी में कोकोपीट जरूर डालनी चाहिए जिससे मिट्टी में नमी रहती है और पानी ज्यादा डालने की जरूरत नहीं पड़ती है
3. खाद-उर्वरक
इन दोनों पौधों की अच्छी ग्रोथ के लिए खाद उर्वरक का खास ध्यान देना चाहिए क्योकि खाद से पौधों को पोषण मिलता है जिससे पौधे मजबूत और हरे भरे रहते है। बगीचे में लगे पौधों को सब्जियों के छिलके की खाद और गोबर की खाद देनी चाहिए। सब्जियों के छिलके में कई पोषक तत्व के गुण होते है जो पौधे को भरपूर पोषण देते है। गोबर की खाद मिट्टी को उपजाऊ बनाने में फायदेमंद होती है।
4. कीटों रोग से बचाव
पौधों को कीट, चींटी, मिलीबग जैसे कीड़ों से बचाव के लिए नीम के तेल या नीम के आर्क का उपयोग करना चाहिए नीम का तेल एक जैविक कीटनाशक का काम करता है और पौधों को कीट रोगों से मुक्त करता है।
5. निराई गुड़ाई
गर्मियों के मौसम में पेड़ पौधों की मिट्टी की निराई-गुड़ाई जरूर करनी चाहिए निराई-गुड़ाई करने से फूल, सब्जियों और फलों की पैदावार में बेशुमार वृद्धि होतो है और मिट्टी की गुणवत्ता में बहुत ज्यादा सुधार होता है। इसलिए पौधों की निराई-गुड़ाई बहुत जरुरी होती है।