MP के पशुपालक , अगर गाय या भैंस का पालन करते हैं, तो पशुओं को खुरपका-मुंहपका रोग से बचाने के लिए निशुल्क टीकाकरण का फायदा उठा सकते हैं। अगर समय पर टीकाकरण नहीं कराया गया, तो पशुओं का दूध कम हो सकता है और स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर पड़ता है।
पशुओं में खुरपका-मुंहपका रोग
पशुओं में खुरपका-मुंहपका (FMD) रोग देखने को मिल रहा है। यह रोग खतरनाक होता है। इससे पशुओं को बुखार आता है तथा उनके मुंह और पैरों में छाले नजर आते हैं। पैरों में छाले होने के कारण पशु लंगड़ाकर चलने लगते हैं। धीरे-धीरे उनका दूध देना भी कम हो जाता है।
इस रोग से लार ज्यादा टपकती है। अगर पशु कम उम्र के हैं, जैसे छोटे बछड़े, तो उन पर यह रोग ज्यादा असर करता है। ऐसे में पशुपालकों को भारी आर्थिक नुकसान हो सकता है। इसलिए समय पर टीकाकरण करवाना बेहद जरूरी है।
पशुपालन विभाग कर रहा है निशुल्क टीकाकरण
दरअसल, केंद्र सरकार राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम चला रही है। इसके तहत खुरपका-मुंहपका रोग की रोकथाम के लिए निशुल्क टीकाकरण किया जा रहा है। देवास पशुपालन विभाग द्वारा पशुओं का निशुल्क टीकाकरण किया जा रहा है। गाय और भैंस जैसे पशुओं का टीकाकरण अपने नजदीकी पशु चिकित्सा संस्थान में करवाया जा सकता है। पशुपालक वहां संपर्क करके विस्तृत जानकारी भी ले सकते हैं।
31 अगस्त तक करा सकते हैं टीकाकरण
अगर आप अपने पशुओं का निशुल्क टीकाकरण करवाना चाहते हैं, तो 31 अगस्त से पहले पशुपालन विभाग से संपर्क करें। यह अभियान लंबे समय से चल रहा है और कई पशुपालक इसका फायदा उठा रहे हैं।
पशुओं को खुरपका-मुंहपका रोग से बचाने के लिए टीकाकरण जरूरी है। अगर किसी पशु में यह समस्या नजर आ रही है, तो उसे अन्य स्वस्थ पशुओं से अलग रखें।
साथ ही, पशुशाला की साफ-सफाई पर ध्यान दें और जरूरत पड़ने पर पशु चिकित्सक से संपर्क करें। इस रोग की शुरुआती अवस्था में पशुओं को लार ज्यादा टपकती है और पैरों में सूजन आ जाती है। धीरे-धीरे वे लंगड़ाने लगते हैं। इसलिए समय रहते पशु चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।