फसलों के लिए जहर बना वरदान, किसानों को मिला मुफ्त का कीटनाशक, फिर क्यों करना केमिकल से मिट्टी को बर्बाद

फसलों के लिए जहर बना वरदान, किसानों को मिला मुफ्त का कीटनाशक, फिर क्यों करना केमिकल से मिट्टी को बर्बाद। जानिए कौन-सा है ये देसी कीटनाशक।

केमिकल वाले कीटनाशक का करते है इस्तेमाल ?

फसलों को कीटों से बचाना बड़ा मुश्किल होता जा रहा है। अगर किसान कीटनाशक का छिड़काव नहीं करते हैं तो उनकी फसल बर्बाद हो जाती है। कीटों का प्रकोप इतना ज्यादा होता है की सारी फसले वह खा जाते हैं। किसानों को बड़ा नुकसान हो जाता है। इसीलिए वह मजबूरन कीटनाशक का इस्तेमाल करते ही है। लेकिन जो बाजार में कीटनाशक लाते हैं वह केमिकल युक्त कीटनाशक होते हैं। जिनका साइड इफेक्ट पड़ता है। इससे भले कीड़े मर जाते हैं लेकिन आपके मिट्टी के पोषक तत्व भी धीरे-धीरे समाप्त होते जा रहे हैं। मिट्टी का उपजाऊपन धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है।

लेकिन अगर आप देसी कीटनाशक का इस्तेमाल करते हैं तो मिट्टी और ज्यादा उपजाऊ होगी। साथ ही साथ कीटों के प्रकोप से भी बच सकते हैं। इतना ही नहीं देसी कीटनाशक केमिकल वाले कीटनाशक से सस्ता भी पड़ता है। लेकिन इसके बारे में ज्यादातर किसानों को जानकारी न होने से वह इसका इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। तो चलिए जानते हैं इस देसी कीटनाशक के बारे में।

फसलों के लिए जहर बना वरदान, किसानों को मिला मुफ्त का कीटनाशक, फिर क्यों करना केमिकल से मिट्टी को बर्बाद

यह भी पढ़े- ऐसे लगाएं अपराजिता का पौधा फूलों से लदा रहेगा हमेशा, बगिया में लगेगा चार-चाँद, जानिये अपराजिता उगाने और इसकी देखभाल की पूरी जानकारी

ये है देसी कीटनाशक

जिस देसी कीटनाशक की हम बात कर रहे हैं उसका इस्तेमाल मध्य प्रदेश के कटनी जिले में हो रहा है। बता दे कि मानव जीवन विकास समिति के द्वारा यह कीटनाशक बनाया जा रहा है। जिसमें जैविक तरीके से इस कीटनाशक को तैयार कर रहे हैं। इसमें किसी तरह का कोई केमिकल नहीं मिलाया जा रहा है। जिसमें मिली जानकारी के अनुसार आपको बता दे कि इस कीटनाशक को बनाने के लिए उन्होंने कई तरह के पत्तों का इस्तेमाल किया है।

जैसे कि अमरूद का पत्ता, धतूरा का पत्ता, आक का पत्ता, नीम का पत्ता, हरी मिर्च, अदरक, लहसुन और गाय का मूत्र के साथ-साथ उन्होंने तंबाकू का भी इस्तेमाल किया है। यह सारी चीजे कीड़े भगाने के लिए बहुत ही ज्यादा असरदार होती है। इसीलिए इन सभी का मिश्रण बनाकर वह कीटनाशक तैयार करते हैं। जिसके लिए वह गोमुत्र में इन चीजों को उबालते हैं इसके बाद वह उसका इस्तेमाल करते हैं। जिसमें उन्होंने यह जानकारी भी दी है कि इसका इस्तेमाल कैसे करना है, तो चलिए जानते हैं इसके बारे में।

ऐसे करें देसी कीटनाशक का इस्तेमाल

किसान चाहे तो यह देसी कीटनाशक खुद भी बना सकते हैं। लेकिन इसकी एक पूरी प्रक्रिया होती है। जिसके बारे में उन्हें पूरी जानकारी होनी चाहिए। इस देसी कीटनाशक का इस्तेमाल करके कीटो समस्याओं से बड़े आसानी से छुटकारा प्राप्त कर सकते हैं। जिसके लिए उन्हें एक फसल में तकरीबन तीन बार इस दवा का छिड़काव करना ही पड़ेगा।

जिसमें 15 दिन के अंतराल से वह फसल में इस दवा का छिड़काव कर सकते हैं। लेकिन अगर वह जब तक फसल पक-कर काट ली नहीं जाती तब तक इस दवा का छिड़काव करते हैं तो उनके फसल को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होगा। बता दे कि इस देसी कीटनाशक का इस्तेमाल किसान कर चुके हैं। उन्हें इससे बेहद फायदा मिला है। उनकी फसल को कीट किसी तरह से नुकसान नहीं पहुंच पाए हैं।

यह भी पढ़े- Gardening Tips: बचाना है खाद और कीटनाशक का पैसा ? तो जानिये प्याज के छिलके से खाद और कीटनाशक कैसे बनायें

नमस्ते, मैं निकिता सिंह । मैं 3 साल से पत्रकारिता कर रही हूं । मुझे खेती-किसानी के विषय में विशेषज्ञता प्राप्‍त है। मैं आपको खेती-किसानी से जुड़ी तरो ताजा खबरें बताउंगी। मेरा उद्देश्य यही है कि मैं आपको 'काम की खबर' दे सकूं । जिससे आप समय के साथ अपडेट रहे, और अपने जीवन में बेहतर कर सके। ताजा खबरों के लिए आप https://khetitalks.com के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद