गांव वाले गाय-भैंस का दूध बढ़ाने के लिए खिलाते हैं यह देसी सस्ती चीज, जानिए यह कहां-कैसे मिलेगी

On: Friday, August 1, 2025 2:10 PM
पशुओं को सरसों की खली

पशुपालक अगर गाय-भैंस का दूध बढ़ाने के लिए इच्छुक हैं तो चलिए एक देसी चीज के बारे में बताते हैं जो की प्रोटीन और फैट से भरा हुआ है-

गांव वाले पशुओं को देते हैं देसी चीज

पशुपालन कमाई का एक अच्छा जरिया है, कई शहरी लोग और पढ़े लिखे लोग भी अब पशुपालन कर रहे हैं। लेकिन गांव में शुरुआत से गाय-भैंस का पालन किया जाता है। कुछ लोग बिक्री करने के लिए, तो कुछ लोग अपने लिए दूध का उत्पादन करने के लिए दुधारू पशुओं का पालन करते हैं। जिसमें पशुओं को पौष्टिक आहार देने के लिए एक देसी चीज खिलाते हैं, उससे पशुओं का दूध बढ़ जाता है। जब तक पशु दूध देते रहते है तब तक उसे यह चीज वह खिलाते हैं।

देसी चीज का नाम, फायदा और कहां मिलेगी जानिए

दरअसल, यहां पर सरसों की खली की बात की जा रही है। जिसका इस्तेमाल खेती-किसानी-बागवानी में भी करते हैं। लेकिन आपको बता दे कि पशुओं के लिए भी यह एक पौष्टिक आहार का काम करता है। बस उचित मात्रा में देना होता है, और देने का एक तरीका भी है, जिसके बारे में यहां पर आपको बताएंगे। लेकिन उससे पहले इसके फायदे जान देते हैं, तो पशुओं को यह चीज अगर दी जाती है तो दूध अधिक देते हैं। तथा पशुओं का पेट भरता है। सरसों के खली पशुओं का पाचन सुधारने में मदद करती है।

उनके रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है, तथा गैस की समस्या को भी खत्म करती है। इसमें प्रोटीन और फैट होता है जो पशुओं के लिए फायदेमंद होता है। यह सुस्त पशुओं को ऊर्जा देता है। जिससे दूध अधिक मात्रा में मिलता है। चलिए जानते हैं पशुओं को सरसों की खली कैसे देते हैं।

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पशुओं को कब कैसे यह चीज दी जाती है

पशुओं को सरसों की खली दिन में दो बार दे सकते हैं। लेकिन इसके लिए आपको कई घंटे भिगोकर रखना चाहिए जैसे कि सुबह देना है तो रात में इसे भीगो सकते हैं, रात को दे रहे हैं तो सुबह इसे भिगोकर रखें। पानी में भिगोने के बाद ही इसे दिया जाता है। इसके साथ में आप घर का रसोई का बचा फल सब्जी का छिलका या बचा खाना भी मिला कर दे सकते हैं। गांव वाले इस चीज का इस्तेमाल लंबे समय से करते आ रहे हैं, और इससे उन्हें फायदा भी होता है।

लेकिन सीमित मात्रा में देना चाहिए। बहुत ज्यादा नहीं। क्योंकि यह गरम भी होता है। इसीलिए इसे पानी में भिगो कर दिया जाता है। इसलिए गाय या भैंस कितनी उम्र का है उस हिसाब से कम या ज्यादा देना चाहिए।

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