किसान भाई गेहूं की थ्रेसिंग के लिए चुने सही समय वरना गेहूं की गुणवत्ता में आ जाएगी भारी गिरावट। गेहूं की थ्रेसिंग करने का सही समय निश्चित करना बहुत जरूरी होता है ताकि फसल का किसी तरह से नुकसान ना हो और दाने की गुणवत्ता जैसी की वैसी बनी रहे। गेहूं की गुणवत्ता में कोई कमी ना आ सके। आइए अब हम आपको बताते है की कैसे आप सही समय पर गेहूं की थ्रेसिंग कर सकते है।
गेहूं की थ्रेसिंग करने का सही समय
गेहूं की कटाई करने के बाद थ्रेसिंग का सही समय आने पर पता चल जाता है की फसल की नमी, दानों की कठोरता और मौसम की स्थिति कैसी है तब आप थ्रेसिंग कर सकते है। गेहूं के पौधे अच्छे से सूख जाएं और दाने कठोर बन जाएं साथ ही आपको कटाई के बाद में लगभग 3-5 दिन तक गेहूं को सुखाने के बाद में ही थ्रेशिंग करना है। गेहूं की थ्रेसिंग करते समय इस बात का ध्यान रखे की मौसम साफ होना जरुरी है, जिससे की दानों में नमी ना आ जाएं।
थ्रेसिंग करते समय ना करें यह गलती
गेहूं के दाने जब कच्चे और नरम होते है तब थ्रेसिंग नहीं करनी है क्योंकि इससे अंकुरण की संभावना और ज्यादा बढ़ जाती है। जरुरत से ज्यादा बारिश या ओस के समय भी थ्रेसिंग ना करें क्योंकि इससे फफूंद और दानों में काले धब्बे बन जाते हैं। थ्रेसिंग करते समय अगर तेज़ हवा चल रही है तब थ्रेसिंग रोक दे क्योकि इससे दाने उड़ जाते हैं और फसल का नुकसान होता है।
थ्रेसिंग के समय रखें इन बातों का ध्यान
थ्रेसिंग करते समय आपको इस बात का ध्यान रखना है की साफ-सुथरे जगह पर थ्रेसिंग करना है जिससे कि मिट्टी, कचरा और घास गेहूं में ना मिल सके। थ्रेसिंग करने के बाद दाने सुखाकर ही भरे वरना नुकसान हो सकता है। थ्रेशिंग करने के बाद में गेहूं को तुरंत ही बोरों में भरकर सुरक्षित जगह पर रख देना चाहिए जिससे कि नमी और कीटों से इसको बचाया जा सके।
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