इस औषधीय पौधे के सामने तगड़ी से तगड़ी बीमारी भी घुटने टेक देती है, हेयर फॉल से लेकर स्ट्रेस तक से दिलाता है छुटकारा, जानिए नाम और काम
इस पौधे के सामने बीमारी भी घुटने टेक देती है
आज हम आपको एक ऐसे औषधीय पौधे के बारे में बता रहे है जिसके सामने कई बीमारियां अपने घुटने टेक देती है। इस पौधे में कई तत्वों के गुण मौजूद होते है जो रोगों का इलाज करने में बहुत गुणकारी साबित होते है। इसका तेल स्ट्रेस को कम करने में बहुत लाभकारी होता है। इसके तेल में कई औषधीय पोषक तत्वों के गुण होता है। हम बात कर रहे है जटामांसी के पौधे की जटामांसी पौधे की जड़ का इस्तेमाल कई आयुर्वेदिक दवाओं को बनाने में किया जाता है। जटामांसी बहुत गुणकारी पौधा होता है इसका इस्तेमाल जरूर करना चाहिए।
जटामांसी पौधे के फायदे
जटामांसी का पौधा बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है जटामांसी में बुखार, चक्कर आना, दिमाग से संबंधित रोगों का बहुत अच्छा उपाय मौजूद होता है। जटामांसी औषधि का सेवन करने से याददाश्त बहुत तेज़ बढ़ती है। जटामांसी का तेल बालों के झड़ने, रूसी और दोमुंहे बालों की समस्यां के लिए बहुत ज्यादा लाभकारी साबित होता है। जटामांसी में पाए जाने वाले पोषक तत्वों के गुण एक्टिनिडीन, एरीस्टीन, कैरोटीन, कैरलीन, क्लैरेनोल, कौमारिन, डायहाइड्रोज़ुलिन, जटामांसिनिक एसिड, नारडोल, नारडोस्टाचोन जैसे तत्वों के गुण भरपूर मात्रा में मौजूद होते है जो सेहत के लिए बहुत ज्यादा गुणकारी साबित होते है।
जटामांसी का उपयोग कैसे करें
जटामांसी बहुत ज्यादा उपयोगी और लाभकारी पौधा होता है। जटामांसी के तेल का उपयोग बालों में मसाज के रूप में किया जाता है। जटामांसी के तेल को बालों में लगाने से बाल घने और लंबे होते है। जटामांसी का पाउडर और चूर्ण भी बनाया जाता है जो बहुत उपयोगी और असरदार साबित होता है। जटामांसी का उपयोग जरूर करना चाहिए बहुत लाभकारी होता है।
जटामांसी का पौधा कहा पाया जाता है.
जटामांसी का पौधा हिमालय और पहाड़ी क्षेत्रों में ज्यादा पाया जाता है। इस पौधे को नारदोस्ताचिस जटमांसी भी कहा जाता है। जटामांसी एक जड़ी बूटी पौधा होता है। इसका इस्तेमाल पुराने समय में पेट दर्द, नाभि उखड़ने पर और स्किन के इंफेक्शन को ठीक करने के लिए भी किया जाता था।