इस ताकतवर सब्जी को खाएं बार-बार गुण गाएं, बुढ़ापे को पीछे छोड़ और जवानी में लौट आएं, जाने इस चमत्कारी सब्जी का नाम और फायदे

इस ताकतवर सब्जी को खाएं बार-बार गुण गाएं, बुढ़ापे को पीछे छोड़ और जवानी में लौट आएं, जाने इस चमत्कारी सब्जी का नाम और फायदे। आपने शायद ही इस पौधों के बारे में सुना होगा या देखा भी होगा। जानिए इस पौधे का नाम और फायदे

चमत्कारी पौधे

यह एक चमत्कारी पौधे है। कचनार का पेड़ एक छोटा पेड़ है। जो 10 मीटर से 12 मीटर की ऊंचाई तक बढ़ सकता है। पत्तियां आमतौर पर 10 से 12 सेमी लंबी और आयताकार आकार की होती हैं। पत्तियां लंबी और चौड़ी भी हो सकती हैं। कचनार की छाल के रेशों से रस्सी आदि बनाई जाती है। कई स्थानों पर काचनार की पत्तियों का साग बनाकर खाया जाता है। कचनार के पौधे से उपयोग आने वाले पत्ते, जड़, छाल, फूल होते है।

कचनार के फायदे

  • सिर दर्द से राहत पाने में।
  •  दांत दर्द का इलाज।
  • मुंह के छाले दूर करने में।
  •  खांसी से राहत पाने में
  • खून साफ करने में।
  • मसूड़ों के दर्द दूर करने में।
  • भूख बढ़ाने के लिए।
  • पीलिया रोग का इलाज करने में।

यह भी पढ़े – साधारण सी दिखने वाली ये सुखी सब्जी स्वाद में नॉनवेज को भी देती है मात, सेवन करते ही शरीर हो जाएगा फौलादी, जानिए नाम और फायदे

कैसे करे कचनार का इस्तेमाल

कचनार पेड़ की एक छाल लें। साफ पानी से छाल को धुल लीजिए फिर छाल साफ करने के बाद सुखा ले। जब छाल अच्छी तरह से सूख जाये तो किसी सिलवटे में या मिक्सर में डाल कर पाउडर बना लीजिए। बर्तन में एक गिलास पानी और एक चम्मच पाउडर डाले गैस में उबालने के लिए रख दे। पानी हल्का गुनगुन होने के बाद गरारे करे। कचनार के पत्तो का पेस्ट बनाकर सेवन कर सकते है।

कचनार की लकड़ी

कचनार की लकड़ी लाल रंग की होती है। जिसके केंद्र के पास लाल और या काली धारियाँ होती हैं। यह बनावट में काफी कठोर होता है और आमतौर पर जलाऊ लकड़ी के रूप उपयोग किया जाता है। इन पौधों को कम से कम 2 साल का समय लगता है, तब कहीं जाकर पेड़ पर फल आने शुरू होते हैं।

कचनार का पौधा कैसे लगाएं

पौधे को मिट्टी में लगाने के बाद मिट्टी को अच्छी तरह दबा दें। पौधे को पानी दें, लेकिन अधिक पानी न डालें।ध्यान रखें कि पेड़ किसी भी तरह से झुका हुआ न हो। वह सीधा खड़ा होना चाहिए। कचनार के पेड़ के फूल आमतौर पर सफ़ेद, गुलाबी रंग के होते हैं। फूलों में पाँच पंखुड़ियाँ होती हैं। फूलो की पंखुड़ियाँ लम्बी होती है, फूलों में एक मनमोहक खुशबू होती है ।कचनार के फल की लंबाई 15 से 30 सेंटीमीटर होती है। जब पेड़ बड़ा हो जाता है, तो वह फट जाता है।  कचनार का पेड़ अपने अनोखे रूप के कारण एक सजावटी पेड़ है। कचनार का पेड़ जहरीला नहीं होता है। सेहद के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

यह भी पढ़े – इसे न समझें मामूली सा पत्ता, स्वाद के साथ पौष्टिकता का भी खजाना है ये स्वादिष्ट सब्जी, जानिए इसके फायदे

नमस्ते मित्रों, मैं ओशिन वर्मा। मैं 3 साल से पत्रकारिता कर रही हूं। मुझे कई विशेष विषयों पर लिखना पसंद है जिसके जरिये मैं आप तक सही खबर पहुंचा सकूं। खेती, टेक्नोलॉजी, वायरल, हेल्थ इन सभी विषयों पर लिखना मेरी विशेषता है, मेरा मुख्य उद्देश्य आप तक सही और सच्ची घटनाओं की खबरें पहुँचाना है, इसलिए यदि आप इन विषयों को जानने के लिए उत्सुक है तो आप https://khetitalks.com/ के साथ जुड़े रहिए धन्यवाद ओशिन वर्मा।