खीरा की खेती ने किसान की जिंदगी बदल दी, चलिए आपको UP के एक ऐसे किसान की सफलता की कहानी बताते हैं जो की 8 लाख रुपए तक एक फसल से कमा रहा है-
किसान को मिला सरकारी योजना का लाभ
खेती-किसानी से अधिक मुनाफा किसानों को हो, इसके लिए हम समय-समय पर जरूरी जानकारी लेकर आते है। जिसमें गर्मी में डिमांड में रहने वाली फसल खीरा की खेती से उत्तर प्रदेश के एक किसान को अच्छा मुनाफा हो रहा है। जिससे अन्य किसानों के बीच में प्रेरणा बन रहे हैं। किसान उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं, और उन्होंने सरकार से 18 लाख रुपए की सब्सिडी लेकर शेड नेट हॉउस में खीरा की खेती की है और 4 महीने के भीतर उन्हें इससे आठ लाख की कमाई हो गई है। चलिए आपको बताते हैं वह खीरा की कौन सी वेराइटी लगाते हैं जिससे दोगुनी कीमत मिलती है।
खीरा की इस वैरायटी का दाम है डबल
किसी भी फसल की खेती करते समय किसान को अच्छी वैरायटी का चयन करना चाहिए। जिसकी मंडी में ज्यादा कीमत मिले। क्योंकि खेती में मेहनत तो उतनी ही आती है। अगर उत्पादन की कीमत अधिक मिलती है तो किसान को फायदा होता है। जिसमें किसान बताते हैं कि उन्होंने नीदरलैंड के खीरे की वैरायटी लगाई हुई थी। जिसमे बीज नहीं होता है।
जिसकी वजह से इसकी कीमत अधिक मिलती है। अगर बाजार में देसी खीरा 20 रु किलो जा रहा है तो नीदरलैंड का बिना बीज वाला खीरा ₹45 किलो में जाता है जिससे किसान को दो गुना मुनाफा अन्य किसानों की तुलना में हो रहा है। यह किसान शेडनेट हाउस में खीरा की खेती करते हैं जिसकी वजह से खीरे की गुणवत्ता बेहतर होती है।

खेती का तरीका
खीरा की खेती एक ऐसी फसल है जिसे किसान किसी तरीके से भी लगा सकते हैं। अगर से शेडनेट हाउस नहीं है तो सामान्य तरीके से मचान लगा कर भी खीरा की खेती कर सकते हैं। गर्मी में पानी की समस्या है तो ड्रिप इरीगेशन कर सकते हैं। इससे कम पानी में खेती हो सकती है।
खीरा की खेती किसी भी मिट्टी में कर सकते हैं। जैसे कि बलुई मिट्टी, काली मिट्टी, दोमट मिट्टी, चिकनी मिट्टी, या सिल्ट मिट्टी। यह सब खीरा की खेती के लिए उपयुक्त है। खीरा की फसल करीब 80 दिन में तैयार हो जाती है। खीरा की खेती के लिए मिट्टी का पीएच मान 6.5 से 7.5 के बीच बेहतर होता है। पीएच मान की जांच किसान को जरूर करानी चाहिए। खीरा की खेती में कमाई तो है बस किसान को समय पर बुवाई करें ताकि उत्पादन अच्छा हो और समय पर मंडी में फसल जाएँ।