कम लागत में अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं, डिमांड में रहने वाली फसलों से तगड़ी कमाई करना चाहते हैं तो चलिए आपको ऐसी सब्जी की खेती करने वाले किसान की सफलता की कहानी बताते हैं-
किसान का परिचय
खेती-किसानी में मुनाफा है लेकिन अगर किसान लागत से दो से तीन गुना ज्यादा कमाई करते हैं तो ही फायदा होता है। इसके अलावा खेती में अगर आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हैं तो मेहनत भी कम हो जाती है। जिससे किसान का भी मन लगा रहता है। आपको आज हम एक ऐसे ही किसान की सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं जो बोकारो जिले के रहने वाले हैं। उनका नाम शशि कुमार है। वह पढ़ाई भी करते हैं। वह एक युवा किसान है और साथ ही साथ खेती में भी अपना नाम बना रहे हैं। अपनी आमदनी में वृद्धि कर रहे हैं।
उनका परिवार लंबे समय से खेती कर रहा है। लेकिन आज उन्हें जितना मुनाफा हो रहा है वह एक बड़ी बात है। इसीलिए आज हम आपको उनकी कहानी बताने जा रहे हैं। वह यूनिवर्सिटी में स्नातक की पढ़ाई कर रहे हैं, और साथ ही साथ डिमांड में रहने वाली फसल की खेती करके महीने का 32000 कमा रहे हैं। चलिए आपको बताते हैं वह किस तरह की खेती करते हैं।
कौन सी फसल लगा रहे हैं किसान
किसानों को अलग-अलग तरह की फसल लगानी रहनी चाहिए। तभी तो उन्हें पता होगा कि किस फसल में ज्यादा मुनाफा है। लेकिन बाजार की मांग का ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने बताया कि तीन एकड़ की जमीन में वह कई तरह की फसले लगाते हैं। लेकिन मुख्य तौर पर उन्होंने 32 डेसिमल की जमीन में खीरा की खेती की है। खीरा की खेती उन्होंने आधुनिक तकनीक से की है। जिससे रोजाना अच्छा उत्पादन मिलता है।
उन्होंने बताया कि पानी का कम इस्तेमाल करने के लिए ड्रिप इरीगेशन से सिंचाई करते हैं, और मल्चिंग भी उन्होंने लगाया है। इस तरह पानी की बचत करते हैं उससे खरपतवार भी नहीं उगती है, और मल्चिंग लगाने से मिट्टी में नमी बनी रहती है। मल्चिंग से भी खरपतवार की समस्या नहीं आती है।

उत्पादन और कमाई
अगर फसल से अच्छा उत्पादन मिलेगा तभी तो कमाई अधिक होगी। खीरा की गर्मियों में डिमांड रहती है। जिससे अच्छी कीमत मिल जाती है। उत्पादन की बात करें तो एक तोड़ाई में उन्होंने तीन से चार क्विंटल खीरा लिया हुआ है। वह बताते हैं कि एक सीजन में 10 से 12 क्विंटल उत्पादन मिल जाता है और उससे वह आसपास की मंडी में बेंचते हैं। थोक में 30 से ₹15 किलो बिक जाता है। लागत की जानकारी भी उन्होंने दिया है, 10 से ₹15000 लागत आई थी और 32000 तो वह शुद्ध मुनाफा इससे ले रहे हैं।
उन्होंने बताया कि जनवरी में खीरा लगाया हुआ था। इस तरह जनवरी-फरवरी में जिन्होंने खीरा की खेती की थी अब उनकी फसल तैयार हो रही है। खीरा की अगेती खेती करने में यही फायदा होता है मार्च-अप्रैल में फसल बढ़िया मांग में रहती है तो अच्छी कीमत मिल जाती है। खीरा की फसल 2 महीने में तैयार हो जाती है, बड़े आराम से और जिन किसानों की मई-जून में फसल आएगी उन्हें भी इससे फायदा होगा।