धान की पैदावार घटा देगा ये कीट, फसल की कटाई से पहले करें ये काम, नही तो उत्पादन घटने से हो जाएगा घाटा।
धान की पैदावार घटा देगा ये कीट
धान की फसल बड़ी मेहनत के बाद किसान भाइयों ने खड़ी की है। धान की खेती में किसानों कई तरह की मुश्किलें आती है। जिससे सही समय पर ना निपटा जाए तो उपज में कमी देखने को मिल सकती है। जिसमें धान की कटाई से पहले किसानों को भूरा फुदका कीट से भी किसानों को छुटकारा प्राप्त करना होगा। बता दे कि भूरा फुदका कीट फैलता जा रहा है। चलिए आपको बताते है यह कीट कैसे फसल को नुकसान पहुंचाता है और इससे कैसे आप बचाव कर सकते है।
भूरा फुदका कीट से फसल को होने वाला नुकसान
धान के किसानों को इस भूरा फुदका कीट से सावधान रहने की आवश्यकता है। यह बहुत खतरनाक है। पौधों के रस को चूसने का यह काम करता है। यह धान के दानों को सिकोड़ देता हैं। जिससे पैदावार में कमी देखने को मिलती है। अगर फसल पर यह कीट आ जाते है तो पौधा गोलाई में काला होकर सूखने लग जाता हैं। इसको हॉपर बर्न कहा जाता है। इससे फसल नष्ट हो जाती है। यह भूरे रंग के है जो कूद-कूद कर फसलों पर संकट लाते है। चलिए जानते है इस कीट से छुटकारा दिलाने वाली दवा के बारें में।
भूरा फुदका कीट के लिए छिड़के ये दवा
यहाँ पर कुछ बातों का किसानों को ख्याल रखना है। जिसमें भूरा फुदका कीट को खत्म करने के लिए आपको सही समय और मात्रा में दवा का छिड़काव करना होगा। जिसमें कीटनाशक छिड़कने का सही समय तब है जब भूरा फुदका कीट की संख्या 15 से 20 प्रतिपुंज तक हो। तभी फायदा होगा।
बाजार में कई तरह के कीटनाशक मिल जाएंगे जो प्रभावशाली है। जिसमें से कार्बोफ्यूरान 3% CG और क्लोरोपायरीफास 20% EC है। यहाँ पर अगर कार्बोफ्यूरान 3% CG लेंगे तो मात्रा करीब 25 किलोग्राम रहेगी। लेकिन अगर क्लोरोपायरीफास 20% EC लेंगे तो मात्रा 1।50 लीटर एक हेक्टेयर में छिड़केंगे। इन दवाओं का सही चयन फसल की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण है और इनका उपयोग खेतों की स्थिति के अनुसार करना चाहिए। लेकिन किसी भी कीटनाशक का इस्तेमाल करने से आपने स्थानीय कृषि विशेषज्ञ से संपर्क करें।
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