अगर डेयरी फार्मिंग से जुड़ी पढ़ाई करना चाहते हैं और सरकारी योजनाओं का फायदा लेकर कम खर्चे में अपना खुद का डेयरी फार्म खोलना चाहते हैं, तो चलिए जानते हैं इस बारे में।
डेयरी फार्मिंग
पशुपालन लोग बहुत लंबे समय से करते आ रहे हैं। लेकिन इसमें भी कई चीजें ऐसी होती हैं, जिन्हें सीखना पड़ता है। अगर पढ़-लिखकर पशुपालन किया जाए, तो नुकसान नहीं होता है। पशुओं के बारे में, उनके दाने-पानी के बारे में, और किस जलवायु में उन्हें पाला जा सकता है, इसकी जानकारी होने से अच्छा दूध का उत्पादन मिलेगा तथा सफलता मिलना भी तय रहेगा।
तो, अगर आप भी डेरी फार्मिंग व्यवसाय से जुड़ना चाहते हैं, अभी स्कूल में हैं या आपके बच्चे इस व्यवसाय से जुड़ना चाहते हैं और डेयरी फार्मिंग से जुड़ी पढ़ाई करना चाहते हैं, तो चलिए आपको बताते हैं कि इससे जुड़ी कौन-सी डिग्री ले सकते हैं, किन कॉलेजों में एडमिशन ले सकते हैं, कोर्स कितने समय के होते हैं तथा सरकार द्वारा डेयरी फार्मिंग के लिए किन योजनाओं से आर्थिक मदद मिलती है।
डेयरी फार्मिंग की पढ़ाई
डेयरी फार्मिंग के कई तरह के डिप्लोमा होते हैं, जिन्हें करके डेयरी फार्म खोला जा सकता है। इसमें डिग्री ले सकते हैं। यह 2 साल की डिग्री होती है, जैसे बैचलर ऑफ वेटरनरी साइंस, डिप्लोमा इन एनिमल हसबेंडरी, डेयरी फार्मिंग इत्यादि।
इनकी पढ़ाई करने के लिए नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय के अंतर्गत कई कॉलेज आते हैं, जिनमें डेयरी फार्मिंग के कोर्स मिलते हैं। जैसे पशु विश्वविद्यालय जबलपुर, पशु विश्वविद्यालय रीवा, पशु विश्वविद्यालय इंदौर और महू। मध्य प्रदेश के विद्यार्थियों के लिए यह एक अच्छा विकल्प है।
डेयरी फार्मिंग के लिए सरकारी योजनाएं
डेयरी फार्मिंग करके अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं और कई लोगों को रोजगार भी दे सकते हैं। जिस तरीके से देश में बेरोजगारी बढ़ रही है, डेयरी फार्मिंग कमाई का एक अच्छा विकल्प है। इसलिए सरकार भी इसे प्रोत्साहित कर रही है और आर्थिक मदद दे रही है। कई ऐसी योजनाएं हैं, जिनमें 50% तक सब्सिडी मिलती है। जैसे —
- डॉ. भीमराव अंबेडकर पशुधन कामधेनु योजना के तहत 33% अनुदान।
- मुख्यमंत्री पशुधन योजना के तहत 50% सब्सिडी।
- आचार्य विद्यासागर गोवर्धन योजना के तहत 25% सब्सिडी।
डेयरी फार्मिंग से जुड़ी अधिक जानकारी और इस पर मिलने वाली सब्सिडी के लिए पशुपालन विभाग में संपर्क कर सकते हैं, पशुधन केंद्र में जाकर जानकारी ले सकते हैं और ऑनलाइन भी अनुदान के लिए आवेदन कर सकते हैं। पशुओं के रहने की व्यवस्था यानी शेड निर्माण, चारे-दाने की व्यवस्था जैसे कई कामों के लिए अलग से भी सब्सिडी मिलती है।