गोल-मटोल से इस फल की खेती है कमाई का सबसे तगड़ा जरिया, जाने इसकी खेती का आसान तरीका

गोल-मटोल से इस फल की खेती है कमाई का सबसे तगड़ा जरिया, जाने इसकी खेती का आसान तरीका। अमरूद की खेती किसानों के लिए एक लाभकारी व्यवसाय हो सकता है। यह एक ऐसा फल है जो कम लागत और कम पानी में भी अच्छी पैदावार देता है। आइए अमरूद की खेती के बारे में विस्तार से समझते हैं।

अमरुद की खेती के लिए जलवायु और मिट्टी

अमरूद की खेती के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु सबसे उपयुक्त होती है। अच्छी जल निकासी वाली बलुई दोमट मिट्टी जिसका pH मान लगभग 6.5-7.5 होना चाहिए जो सबसे अच्छी होती है। बहुत ज्यादा पानी जमाव वाली भूमि उपयुक्त नहीं होती।

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अमरुद की खेती कैसे करें

अमरुद की खेती के लिए रोपाई का सही समय जुलाई से सितंबर या फिर फरवरी-मार्च होता है। पौधों की दूरी 5 × 5 मीटर रखनी चाहिए। 60×60×60 सेमी गड्ढे तैयार करें और गोबर की खाद, सड़ी हुई खाद और नीम खली मिलाकर भरें। 10-15 किलोग्राम गोबर की खाद प्रति पौधा डालना होगा। खाद को वर्षा ऋतु और फल बनने के समय डालना चाहिए।

ग्रीष्म ऋतु में 10-15 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करें। सर्दियों में ज्यादा सिंचाई की जरूरत नहीं होती। ड्रिप इरिगेशन अपनाने से पानी की बचत होती है। फल पकने के समय हल्के पीले रंग के होने लगते हैं। हाथ से तोड़ने के बाद उन्हें छायादार स्थान पर रखें। एक पेड़ से औसतन 50-100 किलोग्राम तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। प्रति हेक्टेयर 20-30 टन तक उत्पादन संभव है।

अमरुद से कमाई

अमरुद को स्थानीय बाजार, सुपरमार्केट, प्रोसेसिंग यूनिट और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बिक्री करें। अमरूद से जूस, जैम, जेली और प्यूरी बनाकर भी अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। अमरुद की खेती में खर्चा लगभग 2 लाख रूपए आ जाता है जिसके बाद आप आराम से 4 से 5 लाख रूपए कमा सकते है।

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