इस फसल की खेती कम लागत और कम समय में कराएगी तगड़ी कमाई, 60 दिनों में हो जाती है हार्वेस्टिंग के लिए तैयार, जाने खेती करने का तरीका।
इस फसल की खेती से होगी तगड़ी कमाई
इस फसल की खेती कम समय में बहुत बढ़िया मुनाफा कराती है। इसकी खेती में लागत भी ज्यादा अधिक नहीं आती है कम खर्चे में तगड़ी कमाई होती है। इस फसल की खेती से आप अच्छा प्रॉफिट कमा सकते है क्योकि ये बाजार में बहुत डिमांडिंग होती है और इसकी कीमत भी अच्छी होती है। लोग इसे खाना बहुत पसंद करते है जिससे इसकी बिक्री बहुत होती है। हम बात कर रहे है ब्रोकली सब्जी की खेती की ब्रोकली की खेती बहुत लाभकारी साबित होती है ये गोभी की एक किस्म होती है जो सामान्य गोभी से ज्यादा महंगी बिकती है। तो चलिए जानते है ब्रोकली की खेती कैसे की जाती है।
कैसे करें ब्रोकली की खेती
ब्रोकली की खेती बहुत फायदे की साबित होती है इसकी खेती करने के लिए पहले इसकी खेती के बारे में जानकारी होनी चाहिए जिससे जब आप ब्रोकली की खेती करे तो आपको कोई परेशानी नहीं होगी। ब्रोकली की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली ज़मीन का चुनाव करना चाहिए। ब्रोकली की खेती बलुई दोमट मिट्टी में की जाती है अच्छी पैदावार के लिए मिट्टी का PH 6 से 6.5 के बीच होना जरुरी होता है। इसकी खेती बीजों के माध्यम से की जा सकती है बीज भंडार में ब्रोकली के बीज उपलब्ध होते है। एक एकड़ ज़मीन में ब्रोकली की खेती के लिए 250-260 ग्राम बीजों की ज़रूरत होती है। ब्रोकली के पौधों को कम से कम 30 सेंटीमीटर की दूरी पर लगाना चाहिए। इसके पौधे में गोबर की खाद डालनी चाहिए। 60 दिनों में ब्रोकली हार्वेस्टिंग के लिए तैयार हो जाती है।
कितनी होगी कमाई
ब्रोकली की खेती में बहुत अच्छी कमाई होती है अगर आप एक एकड़ जमीन में ब्रोकली की खेती करते है तो करीब 40-60 क्विंटल प्रति एकड़ पैदावार हो सकती है। जिससे एक एकड़ ज़मीन पर 5 से 6 लाख रूपए तक की कमाई की जा सकती है क्योकि ब्रोकली की बाजार में अच्छी बिक्री होती है। लोग इसे खाना बहुत पसंद करते है जिससे ब्रोकली बाजार में बहुत डिमांडिंग सब्जी होती है।
कितनी आएगी लागत
ब्रोकली की खेती में ज्यादा लागत नहीं आती है एक एकड़ जमीन में ब्रोकली की खेती करने पर कम से कम 25 से 30 हजार रूपए की लागत आ सकती है क्योकि इसकी खेती में कुछ चीजों का खर्चा होता है जैसे…
- खाद का खर्चा
- मिट्टी का खर्चा
- सिंचाई का खर्चा
- देखभाल का खर्चा
- बीजों की खरीद
- मजदूरों की मजदूरी