Barsati sabji ki kheti: बरसात में इस सब्जी की खेती करके दो महीने में अच्छी कमाई एक किसान कर सकते है, आइये जानें खेती कैसे करें-
बरसाती सब्जी की खेती
बरसाती सब्जी की खेती करना चाहते है तो यह एक अच्छा विकल्प होगा। बरसात में सब्जी की खेती करने से फायदा होता है। क्योकि बारिश का पानी पौधों के लिए अमृत के समान होता है। साथ ही कम लागत में और कम जमीन में भी आसानी से हो जाती है। बता दे कि ये सब्जी सेहत के लिए बहुत लाभकारी होती है। यही वजह है कि लोग इस सब्जी को खाना पसंद करते है। मंडी में डिमांड में रहती है।
यही वजह है कि इस सब्जी की बिक्री बाजार में बहुत ज्यादा देखने को मिलती है। इस सब्जी की खेती कर के अच्छा मुनाफा कमा सकते है। दरअसल, बात कर रहे है गिलकी की सब्जी की खेती की, तो चलिए जानते है गिलकी की खेती कैसे की जाती है। जिससे उत्पादन अधिक मिल सके।

खेती का तरीका जानें
सबसे पहले तो सही मिट्टी का चुनाव करें। जिसमें गिलकी की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी अच्छी मानी जाती है। जिसमें मिट्टी का PH मान 6 से 7 के बीच हो तो बेहतर होगा। साथ ही खेत में पानी रुकना नहीं चाहिए। जल निकासी अच्छी व्यवस्था होना चाहिए। इसके बाद गिलकी के बीजों को जमीन में 1.5 से 2 सेंटीमीटर गहराई में बोयें और दो पौधे के बीच की दूरी 1 से 1.5 फ़ीट रखें। इसके आलावा स्पोर्ट देने के लिए व्यवस्था। लकड़ी और धागे की मदद से सहारा दें। फसल के अच्छे विकास के लिए जैविक खाद डालनी चाहिए। इसके आलावा कीट-रोग से फसल को बचाने के लिए निरंतर फसल का निरिक्षण करें।
खेती में कमाई
गिलकी की खेती में किसानों को मुनाफा है क्योंकि उत्पादन बहुत अच्छा मिल जाता है अगर बाजार भाव बढ़िया मिले तो गिलकी की खेती से तगड़ी कमाई किसान कर सकते हैं। इस समय भाव की बात करें तो औसतन मंडी भाव तुरई का 2240 रुपए प्रति क्विंटल है। वहीं अगर किसानों को एक एकड़ में 180 क्विंटल तक उत्पादन मिलता है तो कमाई ₹4 लाख तक पहुंच जाती है। लेकिन अगर उत्पादन कम भी मिलता है तो भी एक एकड़ से 2 से 3 लाख रु तक की कमाई किसान कर सकते हैं।
कितनी आएगी लागत
गिलकी की खेती किसान कम लागत में कर सकते है। इसकी खेती अगर कम जमीन में, समान्य तरीके से करते है तो करीब 8 से 9 हजार रूपए तक की लागत आ सकती है क्योकि इसकी खेती के लिए कुछ चीजों का खर्चा होता है। बीज-खाद का खर्चा, मजदूर की मजदूरी, खेत तैयारी, तुड़ाई इत्यादि।
लेकिन अगर गिलकी की खेती में बढ़िया बीज का चुनाव करते हैं जैसे की 200 से 300 रुपए पैकेट वाला और जैविक के साथ रासायनिक खाद भी डालते हैं जिसमें तीन से चार हजार का खर्चा आ जाता है। वही मंडप बनाते हैं बेल को सपोर्ट देने के लिए तो 25 -₹30000 में खर्च हो जाते हैं इस प्रकार से कुल मिलाकर एक एकड़ में 35000 रुपए तक का खर्चा हो जाता है।
गिलकी की किस्म
गिलकी की किस्मो में किसानों को तो सबसे पहले अपने क्षेत्र का ध्यान रखना चाहिए कि उनके क्षेत्र में किस वैरायटी को लगाने पर ज्यादा उत्पादन मिलता है, और मंडी में ज्यादा कीमत जिसमें हाइब्रिड किस्म की बात करें तो आप f1 हरिता हाइब्रिड का चयन कर सकते हैं यह ज्यादा उत्पादन देती है। इसके आलावा देसी किस्मों में देसी मोटी हरी गिलकी लगा सकते है। यह भी अच्छी है।
गिलकी की खेती का समय
गिलकी की खेती किसान बरसात में कर रहे हैं तो जून से जुलाई के बीच का समय अच्छा होता है। अगर जायद सीजन में कर रहे हैं तो फरवरी से मार्च के बीच में कर सकते हैं।
गिलकी की फसल से 2 महीने में उत्पादन आराम से मिलने लगता है। लेकिन कुछ हाइब्रिड किस्में है जो 50 से 55 दिन में ही तैयार हो जाती है। कुल मिलाकर बाजार के लिए अच्छा उत्पादन 60 दिन में ही मिलता है।

नमस्ते दोस्तों, मैं नंदिनी । पिछले 2 साल से पत्रकारिता में काम कर रही हूं और अलग-अलग विषयों पर लिखना मुझे बहुत पसंद है। खासतौर पर खेती, बागवानी और स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों में मेरी गहरी रुचि है। मैं हमेशा कोशिश करती हूं कि आपको सच्ची और सही जानकारी दे सकूं, ताकि आप इन विषयों को अच्छे से समझ सकें। अगर आप भी इन जरूरी और दिलचस्प बातों को जानना चाहते हैं, तो जुड़े रहें https://khetitalks.com/ के साथ। धन्यवाद