किसानों को बीज नहीं खरीदना पड़ेगा, मुफ्त में मिनी किट्स दे रही सरकार, सिर्फ 2 दस्तावेजों के साथ कर सकते हैं आवेदन

किसान खेती में आने वाली बीज की लागत को कम करना चाहते हैं तो चलिए आपको राज्य सरकार की एक शानदार योजना के बारे में बताते हैं-

खेती में बीज की लागत होगी कम

खेती-किसानी में कई तरह के खर्च होते हैं। जिसमें मुख्य तौर पर बीज का खर्च बैठता है। लेकिन किसान चाहे तो बीज का खर्चा खत्म कर सकते हैं, बीज की लागत को कम कर सकते हैं। दरअसल, हम बात कर रहे हैं राजस्थान सरकार की एक योजना की, जिसके तहत अलग-अलग वर्ग के किसानों को बीज की खरीदी पर आने वाली लागत को कम करने का मौका मिल रहा है तो चलिए इस योजना के बारे में जानते हैं।

मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना

मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना, राजस्थान राज्य सरकार की योजना है। इससे जुड़कर किसान खुद बीज बनाना सीख सकते हैं। यहां पर समूह बनाकर किसान लाभ उठा सकते हैं, इस योजना के तहत लघु और सीमांत वर्ग के किसानों को फायदा मिलता है। सामान्य वर्ग के किसानों को बीज खरीदने पर 50% सब्सिडी मिलती है। इसके अलावा गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले किसान भाइयों को मुफ्त में मिनी किट्स दिए जाते हैं। यानी की बीज वह मुफ्त में प्राप्त कर सकते हैं तो चलिए आपको यह बताते हैं इस योजना से बीज की लागत कैसे कम होगी।

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बीज स्वावलंबन योजना क्या है

इस योजना में कई किसान जुड़कर काम करते है। बीज स्वावलंबन योजना के अंतर्गत 30 से 50 किसान समूह बनाते हैं और फिर 50 से 100 हेक्टेयर की जमीन में बीज का उत्पादन करते हैं। 2 से 4 किसान बीज उत्पादक होते हैं और अन्य किसान इन बीजों का इस्तेमाल कर पाते हैं। सबसे पहले तो किसानों को मुफ्त में बीज दिया जाता है और फिर उन्हें इसे उगाने का प्रशिक्षण भी मिलता है।

2 दिन का यह प्रशिक्षण होता है, ₹30 एक को मिलता है और हर कार्यक्रम में ₹1500 तक का प्रावधान रखा जाता है। रोगिंग की बात करें तो ₹1000 प्रति हेक्टेयर किसान के अनुसार उनके खाते में भेजी जाती है। इस तरह किसान भाई बीज उत्पादन करना सीख पाते हैं और फिर खुद बीज उगाकर खेती कर सकते हैं। किसान खरीफ और रबी दोनों सीजन की फसलों के बीच उगा सकते हैं।

आवेदन की प्रक्रिया

मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना का लाभ राजस्थान के किसानों को मिलेगा। आवेदन करने के लिए आधार कार्ड और बैंक पासबुक के फोटो कॉपी जमा करनी होगी। यह आवेदन पत्र किसानों को कृषि विभाग के कार्यालय या कृषि विज्ञान केंद्र में मिलेगा। जहां पर फॉर्म को अच्छी तरीके से पढ़कर, उसमें मांगी गई जानकारी को सही-सही भर कर जमा करना है।

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