बिना खाद-मिट्टी के सिर्फ भूसे में उगाकर फसल से आप भी बन जाएंगे अमीर, कम खर्च में होगा तगड़ा मुनाफा, जानिए इस खेती के बारे में

बिना खाद – मिट्टी के सिर्फ भूसे में उगाकर फसल आप भी बन जाएंगे अमीर, कम खर्च में होगा तगड़ा मुनाफा, जानिए इस खेती के बारे में,आज के आर्टिकल में हम भूसे से कैसे खेती करे ये जानेगे।

बिना खाद-मिट्टी सिर्फ भूसे में उगाकर खेती

जी हाँ , दोस्तों हम दूधिया मशरूम की बात कर रहे है। दूधिया मशरूम एक प्रकार की खाने योग्य फफूंद है, ये पर्णहरित नहीं है। यह जैव पदार्थ पर अकेले या अन्य जीवों के साथ सहजीवी के रूप में होता हैं। खाने योग्य भाग मशरूम का फल जो पुष्प जनन तंत्र के रूप में होता है। इसका आकार छतरी नुमा होता है इन छतरी के अंदर बीज होते हैं। इसकी खेती साधारण कृषि विशेष पर आधारित होने के कारण आर्थिक रूप से लाभकारी है।

बिना खाद - मिटटी सिर्फ भूसे में उगाकर खेती से आप भी बन जाएंगे आमिर, कम खर्च में होगा तगड़ा मुनाफा, जानिए इस खेती के बारे में

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दूधिया मशरूम की खेती

दूधिया मशरूम की खेती बंद कमरों में की जाती है। आयताकार कमरे में मशरूम की खेती की जाती है, ग्रीन हाउस का उपयोग करके या अन्य तरीकों से उपयोग करके दूधिया की मशरूम की खेती कर सकते हैं। दूधिया मशरूम की खेती के लिए उपयुक्त नमी की आवश्यकता होती है। नमी युक्त स्थान पर मशरूम में वृद्धि करते हैं। उत्पाद वाली जगह पर उपयुक्त नहीं सुनिश्चित है। दूधिया मशरूम के बीजों को नमी आवश्यक पोषक देने वाले चावल घास ,फसल ,आदि के भूसे को उबाल कर बोरे में भरकर बीजों को लगाया जाता है।

दूधिया मशरूम की बुवाई

दूधिया मशरूम की खेती के लिए हमको सूखा हुआ भूसा चाहिए भूसे में 40 से 50 ग्राम मशरूम बीज मिला ले। बुवाई करते समय 15 से 16 इंच चौड़ाई 20 से 21 इंच लंबी पॉलिथीन भूसे की परत बिछी होनी चाहिए फिर उसके ऊपर बीजों को बिखरा दिया जाता है, भूसे की परत पर बीजों को भी फैलाने के बाद उसके ऊपर भूसे की एक परत चढ़ाकर फिर से बीज डालते हैं, दो परतो के बीच में तीन से चार इंच का अंतर होता है।

दूधिया मशरूम की तुड़ाई

दूधिया मशरूम की बुवाई करने के 30 से 40 दिनों बाद मशरूम की तुड़ाई करनी चाहिए। मशरूम की तुड़ाई करते समय ध्यान रखें इसे कभी औजारों से नहीं काटना है। इसे हल्के हाथों से घुमाकर जमीन के पास से तोड़ना चाहिए। दूधिया मशरूम ऊपरी सतह 5 से 6 मीटर सेंटीमीटर मोटी दिखने लगे तो समझ जाना चाहिए कि यह पका गई हैं, तोड़ने के बाद पॉलिथीन बैग में चार-पांच छेद करके पैक कर दे। भूसे वाले बैग में 1 किलो के आसपास ताजा मशरूम का उत्पादन प्राप्त हो सकता है।

दूधिया मशरूम की कीमत

बाजार में बढ़ती मांग को देखकर किसान भाइयो को इसकी खेती में अच्छी खासी कमाई होती है।मशरूम खेती के लिए जमीन या खेतों की आवश्यकता नहीं होती है। इसे घर के खाली कमरे में आसानी से उगा सकते हैं, सिर्फ थोड़े से तकनीक की आवश्यकता होती है। दूधिया मशरूम उत्पादन 12 से 15 रुपये प्रति किलो फसल की लागत से आती है और 170 से 250 रुपये के लगभग बाजार में बिकती है।

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