भगवान गौतम बुद्ध के प्रसाद के रूप में प्रसिद्ध है ये चावल, सेवन से रहेंगे स्वस्थ, खुशबू दिलाएगी भगवान की याद। चलिए जानें इस चावल की कहानी।
प्रसाद के रूप में प्रसिद्ध है ये चावल
हमारे देश में धान की कई वैरायटी है। जिसमें इस समय किसान धान की अलग-अलग किस्म की तलाश में थे। फिर कुछ किसानों ने इस साल अलग वैरायटी की धान भी लगाई है। लेकिन क्या आपने इस धान की वैरायटी के बारे में सुना है जिसे भगवान गौतम बुद्ध के प्रसाद के रूप में जाना जाता है। यह चावल सेहत के लिए भी फायदेमंद है और इससे उनके भक्तों को उनकी याद भी आती है।
मिली जानकारी के अनुसार आपको बता दे कि देश में करीब 1400 लाख टन से ज्यादा धान का उत्पादन होता है। यानी कि हमारे देश में धान की खेती बहुतायत रूप से होती है और कई प्रजातियां भी धान की पाई जाती हैं। वही बात करें गौतम बुद्ध की तो बौद्ध धर्म के संस्थापक और शांति के प्रतीक के नाम से जाने जाते हैं और उनके प्रसाद के रूप में प्रसिद्ध चावल जिसे काला नमक कहा जाता है। काला नमक का स्वाद भी बढ़िया होता है अगर आपको लग रहा है कि यह भगवान गौतम बुद्ध से कैसे जुड़ा है तो चलिए आपको इसके पीछे की कहानी बताते है।
खुशबू दिलाएगी भगवान की याद
भगवान बुद्ध के पिता शुद्धोधन थे। उनका साम्राज्य भारत में ही नहीं नेपाल में भी कुछ हिस्सा फैला हुआ था। उनके नाम का ही अर्थ है शुद्ध चावल। लेकिन आज तक काला नमक चावल को गौतम बुद्ध से इसलिए जोड़ा जा रहा है क्योंकि सिद्धार्थ जो कि बाद में गौतम बुद्ध बने वह जब अपने साम्राज्य में पहली बार गए तो उन्होंने लोगों को प्रसाद के रूप में धान के दानों को दिया और वह धान के दाने यही थे काला नमक और उन्होंने कहा कि आप लोग इसे अपने खेत में बोइये।
जब इस चावल से खुशबू आएगी तो इससे आपको मेरी याद आएगी। इस तरह आज तक लोग भगवान बुद्ध के प्रसाद के रूप में काला नमक चावल को मानते हैं। जो कि भारत में ही नहीं नेपाल में भी उगाया जाता है और यह स्वादिष्ट चावल होता है। चलिए जानते हैं इससे सेहत के जुड़े फायदे के बारे में।
सेवन से रहेंगे स्वस्थ
काला नमक चावल सेहत के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होता है। यह हृदय रोगों को रोकने की क्षमता रखता है और त्वचा की भी देखभाल करता है। काला नमक चावल में बता दे की जिंक, आयरन जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह चावल मधुमेह के मरीजों के लिए भी फायदेमंद है।