चने की खेती करने वाले किसानों के लिए जरूरी खबर है। सर्दियों में चने की खेती में विभिन्न प्रकार की बीमारियां फैल रही है। जिसमें से एक है जांबुडिया वायरस जो की एक खतरनाक वायरस है। जिससे किसानों को नुकसान हो सकता है तो चलिए आपको बताते हैं इस वायरस के होने का कारण क्या है और इसके लिए किसान क्या कर सकते हैं-
जांबुडिया वायरस
चने की खेती देश के कई किसान करते हैं और सालों से इसकी खेती करते आ रहे हैं। लेकिन समय-समय पर मौसम के बदलाव और कुछ और सावधानियां न बरतने के कारण चने की फसल में जांबुडिया वायरस का प्रकोप देखा जा रहा है। यह एक खतरनाक रोग माना जाता है। इससे किसानों को उत्पादन में कमी देखने को मिल सकती है। लेकिन इसके लिए किसान कुछ दवा का इस्तेमाल करके और सिंचाई संबंधी सावधानियां बरत कर इसपर काबू पा सकते हैं।
आपको बता दे की इस साल ठंड देर से आई। जिसकी वजह से किसानों को अपनी फसलों पर प्रभाव देखने को मिल रहा है। क्योंकि बुवाई भी देरी से हुई है। जिसमें चना, गेहूं की फसल पर अधिक प्रभाव देखने को मिल रहा है। यही कारण है कि जांबुडिया वायरस भी चने के खेतों में देखा जा रहा है। इसलिए कृषि विशेषज्ञ ने समय पर इससे जुड़ी जानकारी जारी की है। तो चलिए सबसे पहले यह जानते हैं कि किसान बुवाई से पहले किन बातों का ध्यान रखते हैं तो यह रोग नहीं आता।
बुवाई और सिंचाई
किसान अगर अच्छी फसल लेना चाहते हैं तो उन्हें खेत तैयारी से लेकर फसल की बुवाई, सिंचाई और कटाई तक कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है। जिसमें कृषि विशेषज्ञ का कहना है कि बुवाई के समय अगर किसान ट्राइकोडर्मा और अन्य फंफूट नाशक मिश्रण का इस्तेमाल करें तो विभिन्न तरह के रोगों से अपनी फसल को बचा सकते थे। इसके अलावा सिंचाई पर भी ध्यान रखना चाहिए।
अगर किसानों को खेतों में सूखा रोग दिखाई दे रहा है तो 20-25 दिन तक सिंचाई न करें। इसके अलावा सिंचाई के समय यह ध्यान रखें कि अगर मौसम ठंडा है तो उसे समय सिंचाई न करें। जब मौसम खुला हो तब सिंचाई करें। सिंचाई करते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि पौधों की जड़ों में पानी न जाए। नालियों के द्वारा सिंचाई करें। ताकि चने का तना पानी के संपर्क में ना रहे। इस तरह सिंचाई और बुवाई से जुड़े कुछ बातों का ध्यान रखकर किसान अपनी फसल को विभिन्न प्रकार के रोगों और बीमारियों से बचा सकता है। चलिए जानते हैं जांबुडिया वायरस का बचाव कैसे करें।
जांबुडिया वायरस से फसल कैसे बचाएं
जांबुडिया वायरस से किसान अगर अपनी फसल को बचाना चाहते हैं तो उसके लिए उन्हें रासायनिक कीटनाशक का इस्तेमाल करना होगा। क्योंकि यह खतरनाक वायरस है। जिससे निपटने के लिये रसायनों की आवश्यकता पड़ेगी। कृषि विशेषज्ञ का कहना है कि यह वायरस रास चूसने वाले कीटों के कारण फैलते हैं जैसे कि सफेद मक्खी। सफेद मक्खी को किसान नियंत्रित करेंगे तभी जांबुडिया वायरस को नियंत्रित कर पाएंगे। इसके लिए रसायन का छिड़काव करना चाहिए। इस तरह किसान सफेद मक्खी को अगर कंट्रोल कर लेते हैं तो जो जांबुडिया वायरस नहीं फैलेगा।
चने के किसानों को सलाह
चने की फसल को रोग-बीमारी से बचाने के लिए इन बातों का रखे ध्यान-
- जिस समय बोते है उस समय खेत में आवश्यकता से अधिक नमी न होने दीजिये।
- चने में उकठा रोग ना लगे इसके लिए उकठा रोगरोधी किस्म के चने किसान लगाएं।
- किसान मिट्टी से कीट-रोग खत्म करने के लिए गर्मी में खेत की गहरी जुताई कर दें।
- किसान किसी फसल की बुवाई से पहले बीजों का उपचार करें,यह बहुत जरूरी है।
नोट: इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी (Agricultural Tips) किसानों के निजी अनुभवों और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध इंटरनेट स्रोतों पर आधारित है। किसी भी जानकारी का उपयोग करने से पहले कृषि विशेषज्ञों से परामर्श अवश्य करें।
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