जायफल अब गमलें में लगाएं, ये है सबसे सरल तरीका, सेहत के लिए है फायदेमंद, कच्चा-सूखा दोनों आता है काम, लगाते समय इन बातों का रखे ध्यान।
जायफल का इस्तेमाल
जायफल जिसे ज्यादातर लोग एक मसाला के रूप में जानते हैं यह खाने का स्वाद बढ़ता है। जायफल की खेती ज्यादातर की जाती है। लेकिन अब जैसे जैसे लोगों के बीच बागवानी का शौक बढ़ता जा रहा है वह अपने गमलें में, बगीचे में, छत पर, मसाले, सब्जियों फल, फूल सभी चीजों की खेती करने लगे हैं। इसलिए आज हम आपको बताएंगे की जायफल घर पर कैसे उगाए। क्योंकि जायफल में भी कैल्शियम, पोटेशियम, जिंक और मैग्नीशियम, आयरन जैसे कई पोषक तत्व होते हैं। यह कच्चा भी इस्तेमाल किया जाता है। जी हां कच्चे फल का कैंडी, जैम और आचार बनाया जाता है।
जायफल पाचन के लिए बहुत ही ज्यादा बढ़िया है। दांत दर्द में भी यह काम आता है, कैंसर जैसे गंभीर बीमारी से लड़ सकता है, त्वचा और बालों के लिए अच्छा है। दर्द में इसका इस्तेमाल लोग करते हैं। चलिए अब हम इसे लगाने का तरीका जानते हैं।
जायफल कैसे उगाएं
नीचे लिखे बिंदुओं के अनुसार जानिए जायफल कैसे लगाएं और लगाते समय किन बातों का ध्यान रखें।
- जायफल बीज से और कटिंग के द्वारा भी आप लगा सकते हैं।
- कटिंग से लगा रहे हैं तो यूरिया या फिर जैविक उर्वरक से उसे उपचारित कीजिए।
- बड़े गमले में इस पौधे को लगाइए।
- मिट्टी के बात कर तो दो-दो मुट्ठी क्रमशः रेत, मिट्टी और वर्मी कंपोस्ट खाद लेनी है। साथ ही चार मुट्ठी यहां पर नारियल का भूसा या कोकोपीट ले सकते हैं।
- यह सभी चीजों को अच्छे से मिलाकर गमले में भर दीजिए। पानी की निकासी के लिए गमले में छेद होने चाहिए और उन्हें कंकड़ पत्थर से ढकने के बाद मिट्टी भरे।
- जायफल का पौधा उस जगह पर लगाएं जहां पर सुबह या शाम की आती हो। पूरे दिन के धूप की जरूरत नहीं होती। ज्यादातर उसे छांव वाली जगह पर ही रखें। दोपहर की धूप उसके लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है।
- जायफल के पौधे को तैयार होने में करीब साल भर का समय लगता है। इसके बीज भी अंकुरित होने में अधिक समय लेते हैं।
- तब तक आपको मिट्टी की गुड़ाई करते रहना है। खरपतवार निकालना है। समय पर पानी देना है और खाद भी आप दे सकते हैं।