किसान भाइयों जब गोबर-मूत्र से खाद बनाना है इतना आसान तो बाजार में केमिकल वाली खाद के पैसे क्यों देना, जानिये कैसे बनेगी जीवामृत खाद। जिससे होते है कई फायदे।
गोबर-मूत्र से खाद बनाना है आसान
खेत से बढ़िया उपज लेने के लिए किसान खाद का इस्तेमाल करते हैं और उससे उन्हें ज्यादा पैदावार मिलती है। लेकिन खाद में किसानों को खर्चा तो बैठता ही है साथ ही साथ केमिकल वाली खाद से मिट्टी भी खराब हो रही है। धीरे-धीरे मिट्टी किसी काम की नहीं रह जाएगी। इसीलिए कृषि वैज्ञानिक और सरकार लगातार किसानों से अनुरोध कर रही है कि वह जैविक खाद का इस्तेमाल करें। तो चलिए आज हम आपको एक शक्तिशाली जैविक खाद बनाने की जानकारी देने जा रहे हैं। जिसे बनाना बेहद आसान है। इस खाद को जीवामृत खाद कहते हैं तो चलिए सबसे पहले हम जीवामृत खाद के फायदे और इसे बनाने का तरीका जानते है।
जीवामृत के फायदे
जीवामृत खाद का इस्तेमाल करने से किसानों को कई सारे फायदे होंगे। जिसमें सबसे पहले तो आपको बता दे की मिट्टी जो केमिकल वाली खाद से खराब हो रही है उसमें जान आएगी। धीरे-धीरे आपकी मिट्टी और ज्यादा उपजाऊ होगी। फिर आपको किसी तरह की खाद का ही इस्तेमाल नहीं करना पड़ेगा। इसके अलावा बता दे की जीवामृत खाद का इस्तेमाल करने से पौधों की जड़ों को ऑक्सीजन लेने में आसानी हो जाती है। इससे जो अच्छे वाले कीट होते हैं जिनकी मिट्टी को या पौधे की आवश्यकता होती है तो वह कीट बढ़ते हैं। इस खाद से आपकी खेत की मिट्टी की उर्वरा शक्ति कई गुना ज्यादा बढ़ जाएगी।
जीवामृत कैसे बनायें
किसान बिना किसी मेहनत के जीवामृत खाद बना सकते हैं। जीवामृत खाद बनाने के लिए जिन चीजों की आवश्यकता होती है वह आपके घर के आसपास ही मिल जाएगी। जिसमें सबसे पहले तो आपके पास पानी होना चाहिए। पानी के बाद गाय का गोबर, मूत्र बेसन, गुड, मिट्टी लेना है। जिसमें मात्रा की बात करें तो करीब 200 लीटर पानी और 10-10 किलो क्रमश गोबर और मूत्र गाय का लेना है।
एक-एक किलो क्रमशः बेसन, पुराना गुड और मिट्टी लेना है। इन सभी चीजों को एक साथ में बढ़िया से मिलाना है और 48 घंटे के लिए छाया वाली जगह पर रखना है। इस तरह दो से चार दिन के भीतर यह शक्तिशाली खाते तैयार हो जाएगी। चलिए जानते हैं इसका इस्तेमाल कैसे करना है।
जीवामृत का इस्तेमाल
जीवामृत खाद का इस्तेमाल करना बेहद आसान है। आपकी फसल में जितनी खाद लगती हो उसके हिसाब से आप महीने में एक या फिर दो बार खाद डाल सकते हैं। जिसमें जब बुवाई कर रहे हैं उससे पहले पानी के साथ में आप 200 लीटर प्रति एकड़ के हिसाब से डाल सकते हैं। फिर जब फसल बड़ी हो जाती है तो खाद छिड़कने के लिए आप बुवाई के करीब 21 दिन बाद एक एकड़ में 100 लीटर पानी लेना है और उसमें 5 लीटर जीवामृत खाद मिलाकर अच्छे से छिड़कना है।
इसके बाद आप तीसरी बार जब डालना चाहते हैं तो 21 दिन बीतने के बाद 200 लीटर पानी में करीब 20 लीटर के करीब जीवामृत मिलाइये और खेतों में डाल दीजिए। यह खाद मिट्टी को उपजाऊ बना देगी और फसल से ज्यादा उपज देगी।