केंचुआ खाद बेचकर किसान बने लखपति-करोड़पति, जानिये केंचुआ खाद के फायदे, कीमत और बनाने की विधि

On: Tuesday, August 12, 2025 8:04 PM
केंचुआ खाद बनाने की विधि

केंचुआ खाद के बारें में इस लेख में संपूर्ण जानकारी देने का प्रयास किया जा रहा है। आइये जानें केंचुआ खाद की कीमत और खासियत-

केंचुआ खाद बेचकर किसान बना लखपति

केंचुआ खाद एक जैविक खाद है, जिसकी वजह से इसकी भारी डिमांड समय के साथ बढ़ती जा रही है। इसीलिए कई किसान केंचुआ खाद बनाकर अच्छी-खासी कमाई कर रहे हैं, जिसमें युवक-युवतियां, बुजुर्ग तथा महिलाएं, कई अलग-अलग पीढ़ियों के लोग वर्मी कंपोस्ट का प्लांट लगाकर लाखों-करोड़ों रुपए कमा रहे हैं। जिनके बारे में हम हमेशा सफलता की कहानी लेकर आते हैं।

इसी में आपको बता दें कि एक युवा किसान हैं, जिनका नाम अभिनव है। वह बिहार के रहने वाले हैं और वर्मी कंपोस्ट का प्लांट लगाकर 15 लाख का सालाना टर्नओवर ले रहे हैं। पहले वह मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब करते थे, लेकिन अब वर्मी कंपोस्ट बनाने का काम करते हैं।

इसके अलावा पायल अग्रवाल हैं, जो कि मेरठ की रहने वाली हैं। वह दो एकड़ की जमीन में वर्मी कंपोस्ट का प्लांट लगाकर 25 लाख रुपए तक की कमाई कर रही हैं। पायल अग्रवाल के पास बी.एड. की डिग्री भी है और आज वह लाखों-करोड़ों रुपए का मुनाफा वर्मी कंपोस्ट बनाकर कमा रही हैं।

केंचुआ खाद के फायदे

केंचुआ खाद, जिसे वर्मी कंपोस्ट कहते हैं, यह मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करती है और पौधों को जरूरी पोषक तत्व प्रदान करती है। इससे उत्पादन में बढ़ोतरी होती है, पानी की बचत होती है, पर्यावरण संरक्षण में यह सहायक है, तथा खरपतवार को नियंत्रित करती है। केंचुआ खाद का इस्तेमाल करेंगे तो रोग से लड़ने की क्षमता फसलों में ज्यादा होगी तथा खर्चा भी कम आएगा। इस तरह वर्मी कंपोस्ट खाद रासायनिक खाद से कहीं ज्यादा लाभकारी है।

केंचुआ खाद में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं, जैसे नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश। इसके अलावा सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे लोहा, तांबा, जस्ता, मैंगनीज और एंजाइम भी होते हैं। इसमें नाइट्रोजन 1 से 2 प्रतिशत, फॉस्फोरस 1 से 1.5 प्रतिशत और पोटाश 1.5 से 2 प्रतिशत तक पाया जाता है, जिससे यह उत्कृष्ट जैविक खाद कहलाती है। इससे मिट्टी में उर्वरता बढ़ती है, पौधों का विकास अच्छे से होता है, इसमें किसी तरह की गंध नहीं आती है, न ही मक्खी और कीड़े लगते हैं।

केंचुआ खाद बनाने की विधि

केंचुआ खाद बनाने के लिए जमीन, केंचुआ, भूसा, पराली, गाय का गोबर, सब्जी-फल के छिलके आदि की जरूरत पड़ती है।

सबसे पहले बढ़िया जमीन का चयन करें, जहां पर धूप आती हो तथा हवादार जगह हो। फिर बेड या मेड बनाकर वर्मी कंपोस्ट बना सकते हैं, जिसमें परत-दर-परत चीजे डालनी होती है। सबसे पहले 6 इंच का एक परत डालकर सड़ा हुआ गोबर बिछा सकते हैं, फिर उपजाऊ मिट्टी फैला दीजिए।

इसके बाद 40 केंचुए प्रति वर्ग फुट के अनुसार डाल दीजिए। अगर आपके पास सब्जी-फल के छिलके हैं तो वह भी डाल सकते हैं, 8 से 10 इंच की परत में, फिर खेत से निकलने वाला पराली, भूसा तथा सूखी घास इत्यादि को बिछा दीजिए। गोबर है तो वह भी डाल दीजिए।

अंत में सूखी पत्तियों और पराली से उसे ढक दीजिए ताकि सीधी धूप उसके ऊपर न पड़े। अगर आपके पास पुराना बोरा है तो वह भी डाल सकते हैं। 2 महीने में आराम से वर्मी कंपोस्ट खाद तैयार हो जाती है। इस तरह बेड बनाकर केंचुआ, गाय का गोबर, पानी इत्यादि चीज डालकर केंचुआ खाद बनाया जा सकता है।

केंचुआ खाद की कीमत

केंचुआ खाद की डिमांड लगातार बढ़ रही है। कीमत में भी अंतर देखा जा रहा है, जिसमें अलग-अलग जगह पर कीमत अलग हो सकती है, कहीं 4 -6, तो कहीं 7-10 रुपए किलो के हिसाब से केंचुआ खाद बिक रही है। जिसमें कीमत खाद की गुणवत्ता के अनुसार अलग हो सकती है।

वर्मीकंपोस्ट बनाने का व्यवसाय अगर कोई व्यक्ति, किसान शुरू करते हैं तो 45% इसमें मार्जिन कमा सकते हैं। जिसमें अच्छा मुनाफा लेने के लिए किसानों के पास हर वक्त खाद उपलब्ध होनी चाहिए, बिक्री करने के लिए। तथा उसकी गुणवत्ता भी बेहतर होनी चाहिए।

कमाई की बात करें तो जितने ज्यादा बेड लगाएंगे उतनी ज्यादा कमाई होगी। जिसमें उदाहरण के लिए अगर समझ लीजिए की 100 वर्ग मीटर के जगह में 30 बेड लगा लेते हैं और उसे 50 टर्नओवर में कंपोस्ट का उत्पादन मिल जाता है तो 6 से 7 रुपए का भाव मिलने पर 1 से 2 लाख रुपए की कमाई सालाना कर सकते हैं। लागत की बात करें तो ₹3 किलो लागत आती है, तो भी इतना मुनाफा बताया जा रहा है।

जिसमें कुछ लोग ऐसे हैं जो भारत में केंचुआ खाद बनाकर उसकी विदेश में बिक्री कर रहे हैं। जहां पर कीमत ₹25 किलो तक मिल रही है। क्योंकि उसकी गुणवत्ता बेहतर है, और बढ़िया से पैकेजिंग करते हैं। समय पर प्रोडक्ट को पहुंचाते हैं।

वही आसपास के किसान तथा बागवानी करने वाले लोग 6-7 रु प्रति किलो के हिसाब से इसे खरीद लेते हैं। वर्मी कंपोस्ट के व्यवसाय में मार्केटिंग बहुत अच्छी करनी पड़ेगी। जिससे ग्राहक ज्यादा बनेंगे।

केंचुआ खाद कृषि विज्ञान केंद्र या फिर ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं। अमेज़न जैसी वेबसाइट पर भी केंचुआ खाद उपलब्ध है। केंचुआ खाद के अलावा लोग केंचुआ भी खरीदते हैं, क्योंकि वर्मी कंपोस्ट बनाने के लिए केंचुए की जरूरत पड़ती है। कुछ लोग केंचुआ ₹75 में बेचते हैं, तो कुछ लोग ₹200 और ₹250 में भी केंचुआ बेच सकते हैं। यानी कि अगर आप वर्मी कंपोस्ट बनाने का व्यवसाय करते हैं, तो खाद के साथ-साथ केंचुआ की भी बिक्री कर सकते हैं, क्योंकि केंचुआ की संख्या भी बढ़ती जाती है।

केंचुआ के प्रकार

केंचुआ कई प्रकार की देखने को मिलती है। जिसमें मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है, एपिजीक वर्म और एंडोजिक वर्म। जिसमें एपिजीक वर्म केंचुए मिट्टी की सतह पर रहते हैं और कार्बनिक पदार्थों को खा जाते है, जैसे कि पत्तियां और खाद आदि। वही एंडोजिक वर्म की बात करें यह केंचुए मिट्टी की गहराई में रहते हैं और कार्बनिक पदार्थों को, मिट्टी को खाने का काम करते है। इसके आलावा केचुएं की अन्य प्रजातियां आइसेनिया फीटीडा, पेरिओनिक्स एक्सकैवेटस, लुम्ब्रिकस रूबेलस, यूड्रिलस यूजेनी आदि भी है।

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केंचुआ खाद से किसान पा सकते हैं अच्छी पैदावार

अगर किसान केंचुआ खाद का इस्तेमाल करते हैं तो उन्हें 99% तक इससे अच्छा उत्पादन मिलेगा। लेकिन अगर किसान लंबे समय से रासायनिक खाद का इस्तेमाल करते हैं तो मिट्टी में सुधार होने में कुछ समय लगता है।

इसीलिए सरकार जैविक खाद का इस्तेमाल करने पर अनुदान देती है। जैविक खाद, यानी केंचुआ खाद का इस्तेमाल अगर किसान लगातार करेंगे तो उत्पादन अनाज सेहतमंद होगा, क्योंकि उसमें रासायनिक उर्वरक और कीटनाशक का इस्तेमाल नहीं होता। इससे अनाज खाने से बीमारियां नहीं बढ़तीं, न ही पर्यावरण प्रदूषित होता है, और मिट्टी भी खराब नहीं होती है, बल्कि मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होता है। पौधों को अधिक पोषक तत्व मिलते हैं, केंचुआ खाद इस्तेमाल करने से मिट्टी में जल धारण करने की क्षमता बढ़ जाती है।

केंचुआ खाद गोबर, सूखी पत्ती, सब्जी के छिलके इत्यादि चीजों के साथ केंचुआ मिलाकर बनाया जा सकता है, जिसे बागवानी में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

केंचुआ खाद का इस्तेमाल कैसे करें

केंचुआ खाद का इस्तेमाल करना बहुत ही आसान है। अगर आप बागवानी करते हैं तो सामान्य बगीचे की मिट्टी में आधा खाद मिलाकर पौधा लगा सकते हैं। इसके अलावा पौधों को ऊपर से वर्मी कंपोस्ट खाद देने के लिए मिट्टी की हल्की गुड़ाई करके ऊपर की एक परत की मिट्टी हटाकर यह खाद डाल दीजिए और फिर सामान्य मिट्टी से उसे ढककर पानी डाल दीजिए।

खेती करने वाले किसान जुताई करते समय या खेत की तैयारी के समय ही कंपोस्ट खाद खेत में डाल सकते हैं। उसके बाद आखिरी जुताई करके बुवाई कर सकते हैं।

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