धान के किसान अगर खरपतवार खेत में उगने से रोकना चाहते हैं, तो चलिए आपको एक दवा के बारे में बताते हैं जिसे खाद के साथ डाला जाता है-
धान के खेत में खरपतवार की समस्या
धान की रोपाई के बाद खेत में खरपतवार निकलती है, जिसे नियंत्रित करने के लिए किसान खरपतवार नाशक रसायन का इस्तेमाल करते हैं, हाथ से नहीं गुड़ाई भी करते हैं। जिसमें निराई-गुड़ाई करने में मेहनत लगती है, मजदूर की जरूरत पड़ती है, समय लगता है। लेकिन खरपतवार नाशक रसायन का इस्तेमाल करके किसान जल्द ही खरपतवार से छुटकारा प्राप्त कर लेते हैं। अगर समय पर खरपतवार नहीं निकाला गया तो पौधे के विकास में बाधा आती है, उत्पादन घट सकता है, तो चलिए एक खरपतवार नाशक के बारे में जानते हैं।
धान के खेत के लिए खरपतवार नाशक
धान के खेत में हर्बिसाइड का इस्तेमाल करके खरपतवार को हटाया जा सकता है। जिसमें खेत में पानी रुक होना चाहिए, पानी निकालना नहीं है। जब खेत में पानी रहता है, उस समय आप एनपीके 10:26:26 के साथ में हर्बिसाइड डाल सकते हैं। जिसमें एक एकड़ में 500 एमएल की मात्रा मिलाई जाती है। यहां पर हम एक सिलेक्टिव हर्बिसाइड की बात कर रहे हैं जिसमें PRETILCHLOR 50% EC होता है। किसान नागार्जुन का Eraze भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
इसके अलावा दूसरा भी कोई हर्बिसाइड इस्तेमाल कर सकते हैं। इसकी कीमत की बात करें तो 250 रुपए से ₹300 तक पड़ती है। यह लिक्विड होता है जिसे एनपीके के दानेदार 10 26 26 खाद के साथ मिलाकर खेत में छिड़क सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे पानी निकालना नहीं है पानी भरे रहने देना है फिर खरपतवार नहीं उगती है।
रोपाई के 72 घंटे के अंदर डालें
किसान भाई धान की रुपाई के तुरंत बाद या फिर कहे कि 72 घंटे के अंदर Pretilachlor 50% EC खरपतवार खेत में डालना चाहिए ताकि धान के खेत में किसी प्रकार का खरपतवार ना उगे। यह एक असरदार उपाय माना जाता है। बताया जाता है कि क्रेज़ (प्रीटिलाक्लोर 50% EC) क्लोरोएसिटामाइड समूह का एक प्री-इमरजेंस और व्यापक-स्पेक्ट्रम हर्बिसाइड है जो कि धान में सभी प्रकार के खरपतवारों को नियंत्रित करने में सहायक होता है। धान के किसानों के लिए फायदेमंद है।