गोबर खाद का करेंगे इस्तेमाल तो 31,500 रु किसानों को देगी सरकार, प्रशिक्षण के साथ प्रमाण पत्र भी मिलेगा, जाने किन कागजातों के साथ करना है आवेदन

इस लेख में आपको जैविक खेती करने पर मिलने वाली सब्सिडी, प्रशिक्षण और सर्टिफिकेशन की जानकारी दी गई है।

जैविक खेती के फायदे

जैविक खेती के सबसे पहले फायदे जान लेते हैं, ताकि किसानों को इसकी अहमियत पता हो और सरकार सब्सिडी क्यों दे रही है, यह भी जानकारी हो। तो बता दे की जैविक खेती करने से मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होता है, प्रदूषण नहीं होता है, स्वस्थ भोजन मिलता है, क्योंकि जैविक खेती में रासायनिक खाद का इस्तेमाल नहीं किया जाता। जिससे जो अनाज होता है उसे किसी तरह की बीमारी नहीं फैलती है।

इसके अलावा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। जल संरक्षण होता है। मिट्टी में जल धारण करने की क्षमता बढ़ती है। जमीन उपजाऊ होती है। रासायनिक खाद का इस्तेमाल करने से जारी जमीन खराब होती है। जैविक खेती में गोबर खाद का इस्तेमाल किया जाता है। इसीलिए जैविक खेती के फायदे देखते हुए केंद्र सरकार किसानों को सब्सिडी दे रही है, तो चलिए इसके बारे में जानें।

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जैविक खेती पर सब्सिडी

देश के कुछ किसान जैविक खेती कर रहे हैं। लेकिन अधिकतर किसान आज भी रासायनिक खाद का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसीलिए सरकार जैविक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए, खेती करने के लिए आर्थिक मदद दे रही है। जिसमें परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत अनुदान दिया जा रहा है। यह योजना प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत चलाई जा रही है।

जैविक खेती पर सब्सिडी

जिसमें उत्तर पूर्वी राज्यों के अलावा देश के अन्य राज्यों को अनुदान प्राप्त हो रहा है। प्रति हेक्टेयर ₹15000 अनुदान दिया जा रहा है। किसान 3 साल तक वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकते हैं। अधिकतम दो हेक्टेयर तक अनुदान दिया जाएगा। इससे किसान जैविक खाद कीटनाशक खरीद सकते हैं।

आवेदन करने के लिए दस्तावेज

इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन करना होगा। जिसके लिए किसानों के पास आधार कार्ड, जाति प्रमाण पत्र यदि एसटी-एससी से संबंधित है तो, इसके अलावा भूमि स्वामित्व के दस्तावेज आदि जमा करना होगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान और अन्य संस्थाएं परंपरागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत आवेदन कर सकते हैं।

गोबर खाद का इस्तेमाल करके किसान खेती की लागत को कम कर सकते है।

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