पशुपालन करना अब आसान होगा, पशु को किसी तरह की बीमारी-रोग होती है तो उनका उपचार घर पर कर सकते हैं, मोबाइल से होगा पशुओं का इलाज, चलिए जानें कैसे-
पशुपालन में पशु की सेहत एक बड़ी चुनौती
पशुपालन कमाई का एक अच्छा जरिया है। लेकिन पशुओं की सेहत एक बड़ी चुनौती बनती है। पशु इंसानों के जैसे अपनी बीमारी के बारे में नहीं बता पाते हैं, और जब बात बहुत ज्यादा बिगड़ती है तब जाकर अगर पशुपालक को पता चलता है। तो ऐसे में पशु की जान बचाना मुश्किल हो जाता है। लेकिन पशुपालकों को चिंता करने की जरूरत नहीं है, राज्य सरकार उनके लिए शानदार सुविधा लेकर आई। जिससे वह जब भी जरूरत हो घर बैठे पशुओं के उपचार की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। जिसमें आपको बता दे की 22 अप्रैल को राजस्थान राज्य सरकार ने 1962 एमवीयू राजस्थान चैटबॉट नंबर जारी किया है।
जिसमें संपर्क करके पशुओं का इलाज करवा सकते हैं। मोबाइल के द्वारा पशुओं को कौन सी समस्या है उसके लिए क्या उपचार करना है यह सलाह मिलती है तो चलिए जानते हैं इस सुविधा का फायदा कैसे मिलेगा कौन सा नंबर है।

इस नंबर पर करें पशुपालक संपर्क
राजस्थान के पशुपालन डेयरी एवं गोपालन मंत्री जोराराम कुमावत द्वारा, 1962, राजस्थान चैटबॉट नंबर 9063475027 जारी किया गया है। जिसमें पशुपालक संपर्क कर सकते हैं। 1962 कॉल सेंटर नंबर है, जो कि बीते 6 महीने से चल रहा है और चैटबॉट नंबर भी आ गया है। वह भी बढ़िया किसानों पशुपालकों के लिए लाभकारी साबित होगा। राज्य में पहले से ही मोबाइल वेटरनरी यूनिट्स चला रही है, और अब चैटबॉट नंबर भी आ गया है। इसका लोकार्पण स्वयं पशुपालन मंत्री ने किया है। अपने फ़ोन में व्हाट्सएप पर पशु चिकित्सक से बात कर सकते है।
इसका प्रचार प्रसार बहुत ही बेहतरीन तरीके से किया जाएगा, तो चलिए जानते हैं क्या-क्या फायदे मिलेंगे, कैसे पशुपालक तक यह जानकारी पहुंचाने का प्रयास सरकार कर रही है।
चाबी के छल्ले और कैलेंडर बटेंगे
किसी भी चीज की जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए कई तरह के प्रचार प्रसार के तरीके चल रहे हैं। जिसमें बात करें पशुपालक तक इस तरह की सुविधाओं के बारे में जानकारी पहुंचाने की तो राज्य सरकार का कहना है कि वह चाबी के छल्ले, कैलेंडर बाटेंगे जिसमें इस बारे में पूरी जानकारी लिखी जाएगी। इसके अलावा प्रत्येक गांव, और ब्लॉक में ई रिक्शा, टेंपो में ऑडियो लगाकर घुमाया जाएगा। जिससे लोगों को इस जानकारी के बारे में सुनने को मिलेगा।
प्रदेश में 7 लाख के करीब पर्चे भी बांटे जाएंगे। ताकि ज्यादा से ज्यादा पशुपालक इस जानकारी को प्राप्त कर सके। इस तरह 1962 कॉल सेंटर नंबर चैटबॉट नंबर 9063475027 और मोबाइल वेटरिनरी यूनिट की सुविधा भी पशुपालकों को मिल रही है।