इस लेख में आपको अभिनव की सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं, जो किसानों के हित में काम और लाखों की कमाई कर रहे है, प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं, और दिल्ली में 10 लाख की नौकरी को ठोकर मार दी है-
युवा की सफलता की कहानी
देश में अधिकतर लोग खेती किसानी से जुड़े हुए हैं, कुछ किसानों की खेती में अच्छी आमदनी होती है, और किसान अपने बच्चों को पढ़ाकर बाहर भेजते हैं। लेकिन आज हम जिस युवा की सफलता की कहानी बता रहे हैं उन्होंने अच्छी से पढ़ाई की, और दिल्ली जैसे महानगर में मल्टीनेशनल कंपनी में लाखों का पैकेज प्राप्त किया। कई बड़ी-बड़ी कंपनियों के साथ काम किया। लेकिन अंत में उन्होंने 10 लाख के पैकेज वाले नौकरी को ठोकर मार कर किसान की सेवा करने का निर्णय लिया।
उन्होंने बचपन से खेती को देखा है, बिहार के रहने वाले हैं, किसानों के साथ ही उनका संपर्क है, इसलिए वह किसानों के लिए कुछ करना चाहते थे। युवा का नाम अभिनव है, और वह सहरसा जिले बिहार के रहने वाले हैं। अभिनव ने बताया कि उन्होंने रासायनिक खाद से, खेत, किसान और देश को होने वाले नुकसान को देखते हुए, यह निर्णय लिया कि वह खेती के तरीके को बदलेंगे।
रासायनिक खाद के इस्तेमाल को कम करने पर काम करेंगे, किसानों की सहायता करेंगे। तो चलिए जानते हैं वह क्या काम करते हैं और सालाना उन्हें 15 लाख रुपए का टर्नओवर कैसे प्राप्त हो रहा है।
रासायनिक खाद से बेहतर विकल्प दे रहे अभिनव
किसान रासायनिक खाद का इस्तेमाल ज्यादा उत्पादन लेने के लिए कर रहे हैं। लेकिन आपको बता दे की रासायनिक खाद खेत की मिट्टी को खराब कर रहा है, अनाज बीमारियों का घर है, और इससे पर्यावरण प्रदूषण भी हो रहा है। इसीलिए सरकार भी किसानों को जैविक खाद के लिए प्रोत्साहित कर रही है, सब्सिडी दे रही है। जिसमें अभिनव ने भी जैविक खाद बनाने का फैसला किया। जैविक खाद बनाकर वह किसानों को दे रहे हैं। जिससे किसान रासायनिक खाद के बदले इसका इस्तेमाल कर पा रहे हैं। चलिए जाने अभिनव का यह वर्मी कंपोस्ट खाद का प्लांट किस तरीके से काम कर रहा है।

इस प्लांट से सालाना 15 लाख की कमाई
समय बदल रहा है अब किसान, और बागवानी करने वाले लोग जैविक खाद की मांग कर रहे है। जिससे युवा को इस व्यवसाय में मुनाफा है। अभिनव दिल्ली में सेटल थे, उनकी अच्छी नौकरी थी, लाइफस्टाइल था। 10 लाख का पैकेज में मिल रहा था। लेकिन आज उन्हें बिहार में रहकर भी 15 लाख की कमाई हो रही है, और वह किसानों के हित में काम कर रहे हैं। यह काम उन्हें पसंद भी है। इसलिए इसमें उन्हें कई तरीके से फायदा है।
अभिनव बताते हैं कि उनका वर्मी कंपोस्ट का प्लांट है, यह एक जैविक खाद है, जिसे केंचुआ खाद भी कहते हैं। इस खाद से मिट्टी उपजाऊ होती है, धीरे-धीरे किसानों को अच्छा उत्पादन में मिलने लगता है, अनाज भी सेहतमंद होता है। करीब 2 साल से वह यह प्लाट चला रहे हैं, कमर्शियल तरीके से जैविक खाद तैयार करते हैं, परमानेंट 6 लोग काम करते हैं, यानी कि पहले वह दूसरों के लिए काम करते थे अब वह लोगों को रोजगार दे रहे हैं।
केंचुआ खाद बेड बनाकर तैयार की जाती है। जिसके लिए गोबर, केंचुआ, सूखा चारा आदि चीजों की जरूरत होती है। डेढ़ सौ बेड का उनका यह प्लांट जैविक खाद तैयार करता है। जिससे हर महीने लगभग 30 टन उत्पादन मिल रहा है, और इस जैविक खाद को वह कई राज्यों में सप्लाई करते हैं। जैसे कि बिहार के साथ-साथ बंगाल, झारखंड आदि राज्य में उनकी खाद जाती है। इस तरह वह इस जैविक खाद को बोरियों में बेंचते हैं, जिससे हर साल उनका 15 लाख का टर्नओवर बनता है। इस तरह आप देख सकते हैं युवा किस तरीके से अच्छे सोच के साथ ज्यादा कमाई कर पा रहे हैं।